
पचराई
July 25, 2024
तारण तीर्थ
July 25, 2024स्थिति
मध्यप्रदेश के गुना-भोपाल मुख्य मार्ग पर केवल 8 किलोमीटर की दूरी पर अतिशय क्षेत्र बजरंगढ़ स्थित है।
इतिहास
मूसागढ़, जयनगर और जैनागर आदि नामों से जाना जाने वाला यह प्राचीन क्षेत्र अब बजरंगगढ़ के नाम से जाना जाता है। यहाँ का एक जैन मंदिर लगभग 900 वर्ष प्राचीन है जिसका निर्माण एवं प्रतिष्ठा दानवीर पाड़ाशाह ने संवत् 1236 में कराया था।
पुरातत्व
यहाँ दो अन्य प्राचीन जिनालय हैं। मूल मंदिर में विशाल गुफा है उसमें तीन खड़गासन प्रतिमायें संवत् 1236 की प्रतिष्ठित तीर्थंकर शांतिनाथ की 18 फुट, कुन्थनाथ एवं अरहनाथ स्वामी की अवगाहना सहित 17-17 फुट उत्तुंग हैं। जिनालय विशाल और गगनचुम्बी हैं जिनमें अत्यन्त भव्य मूर्तियाँ वन्दनीय हैं। दोनों ओर की भित्तियों में पाँच पैनल तीर्थंकरों की अलंकृत मूर्तियों के निर्मित हैं। मूल वेदी के सीधे पाँच वेदियों पर भी प्राचीन जिन विम्ब वंदनीय हैं। कुछ मूर्तियाँ संवत् 1075, 1155 और 1225 की भी हैं। वर्तमान में क्षेत्र मंदिर में काँच की पच्चीकारी से सौंदर्य बढ़ाने का सराहनीय प्रयास हुआ है। यात्रियों के ठहरने के लिये धर्मशाला की भी व्यवस्था है।