(1) कथा – बुन्देलखण्ड की लोक कथाएँ , चिरैया का दाना (चित्रकथा)
(2) नाटक – खेल-खेल में सीखें (बाल नाटक) , बुन्देलखण्ड के अहानें
(3) व्यंग्य – यात्रा , रंग चकल्लस , व्यंग्य विनोद , अट्टहास , झुनझुना
(4) उपन्यास – अथ काया कथा , मुर्गे की आत्म कथा
अजीत श्रीवास्तव हिन्दी बुन्देली के सशक्त हस्ताक्षर हैं। आपकी माताश्री डॉ. छाया श्रीवास्तव एक चर्चित लेखिका रहीं। आप का लिखा उपन्यास परित्यक्ता है। व्यंग्य का अस्तित्व सनातन से जुड़ा है। जो तत्कालीन काव्य-अभिव्यंजना का एक अमूल्य भाग रहा। इसका उद्भव हिन्दी गद्य के प्रारम्भ से परिलक्षित हुआ भारतेन्दु युग से चल कर स्वातन्त्र्योत्तर काल में स्पष्ट रूप से मुखरित होने लगा जिसका नेतृत्व हरिशंकर परसाई ने किया। बाद में समकालीन सामाजिक विसंगति, दूषणों को उजागर कर व्यंग्य कृति रूप में किया जाने लगा। जो हिन्दी साहित्य में अद्यतन व्यंग्य-कथ्य और कथनी को आत्म-कथ्यात्मक रूप में निष्पादित होने लगा है। इसमें अनेक नामचीन व्यंग्यकार आजकल बहुचर्चित हैं। अजीत श्रीवास्तव भी ऐसे ही आत्म-कथ्य के व्यंग्य लेखक हैं। उपन्यासों में आपके दो व्यंग्य उपन्यास- “अथ काया कथा” (2019) व “मुर्गे की आत्मकथा” (2020) प्रकाशित हैं। इन पर सम्यक् विचार विनिमय प्रस्तुत है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।