
सीमा
August 9, 2024
बुन्देली लोक नाट्य का उद्भव-काल (1000-1400 ई.)
August 12, 2024बुन्देलखण्ड भारत का हृदय प्रदेश है, जिसमें विन्ध्य-पर्वत मालाएँ यत्र-तत्र फैली हुई है। इसी कारण इस क्षेत्र को विन्ध्याटवी, विन्ध्यभूमि और विन्ध्य प्रदेश कहा गया है। कालचक्र के पस्थितियोंवश काशी के गहरवार राजपूत विन्ध्य क्षेत्र के शासक बन गये थे, जिनमें विन्ध्यवासिनी देवी का परम भक्त हेमकर्ण पंचमवीर विन्ध्येला प्रमुख प्रतापी राजा हुआ। उसी हेमकर्ण पंचमवीर विन्ध्येला के वंशज राजाओं के शासित राज्य क्षेत्र का नाम विन्ध्येलखण्ड पड़ गया था (डॉ. रामेश्वर प्रसाद अग्रवाल-बुन्देली भाषा का शास्त्रीय अध्ययन, पृ.3) क्योंकि हेमकर्ण के वंशज अपना उपनाम विन्ध्येला सम्बोधित करने लगे थे।
भौगोलिक रूप से भी विन्ध्य परिक्षेत्र विन्ध्य परिक्षेत्र विन्ध्येला (विन्ध्यइला) कहलाता था, जो एक पृथक् इकाई के कारण विन्ध्येलखण्ड नाम से जाना जाता था। कालांतर में मुख-सुख के कारण विन्ध्येला अपभ्रंश में बुन्देला और विन्ध्येलखण्ड-बुन्देलखण्ड हो गया था।