भूमि
August 9, 2024बुन्देलखण्ड नामकरण
August 9, 2024
सामान्य तौर पर विन्ध्य परिक्षेत्र ही बुन्देलखण्ड है। परन्तु इसका सीमांकन समय-समय पर प्रशासनिक आधारों पर भी किया गया। ओरछेश महाराजा वीर-सिंह देव प्रथम के समय बुन्देलखण्ड में वर्तमान बुन्देलखण्ड तथा कुछ भू-भाग परिश्चमी बघेलखण्ड का भी शामिल था (E.S.G. Bundelkhand, p.22) जबकि डगई क्षेत्र (पन्ना) के राजा छत्रसाल के समय ”इत यमुना, उत नर्मदा, इत चंवल उत टौंस” बुन्देलखण्ड की सीमा मानी जाने लगी थी। ऐलैक्जेंडर कनिंघम ने बुन्देलखण्ड की सीमा प्राचीन जुझौति प्रदेश की सीमा ही अर्थात् यमुना से नर्मदा और बेतवा से विन्ध्यवासिनी (मिर्जापुर) तक मानी है (Alexander Cunningham-The Ancient Geog. of India, P.406) परन्तु किसी प्रदेश की सीमा का निर्धारण प्रशासनिक आधार पर नहीं, बल्कि भाषा, बोली, सामाजिक-सांस्कृतिक आचार-विचार, संस्कार, भोजन-भजन और लोक-संस्कृति के स्थाई आधारों पर किया जाना श्रेयस्कर होता है।
बुन्देलखण्ड की बोली बुन्देली है जो यमुना-नर्मदा के मध्य की काली सिन्ध, पहूँज, बेतवा, जामुनी, धसान, बीजा, बेरमा, सोनार हिरन और केन के कछारी भूभाग के ग्रामीण अंचलों में बोली और समझी जाती है जिसके केन्द्रीय स्थल झाँसी, टीकमगढ़ और सागर है। जहाँ बुन्देली का परिनिष्ठत रूप प्राप्त होता है (Sir G.A. Grierson-Linguistic Survey of India, Vol. IX part I. Dr. M.P. Jayaswal-A Linguistic study of Bundeli, P.9.) नर्मदा से यमुना नदियों के मध्य के क्षेत्र के लोगों का समाजिक जीवन, त्यौहार, व्रत, रागरंग, ध्वनि, वेषभूषा, धर्म, कर्म, संस्कार, वस्त्राभूषण और नित्यप्रति के दैनिक क्रिया-कलाप समान हैं। सामाजिक, सांस्कृतिक और बोली के ठोस तत्व वाली एक कहावत है कि ”भैंस बँधी है औड़छे, पड़ा हुसंगाबाद। लगबैया है सागरै, चपिया रेवापार”।
इस प्रकार सामाजिक, सांस्कृतिक और भाषा बोली के ठोस आधारों पर निर्मित मौलिक इकाई 23″=00 से 26″=00 उत्तरी अक्षांश एवं 77″.5 से 79″.5 पूर्वी देशान्तर के मध्य, कुछ लम्बाकार वाला भू-भाग ही सही बुन्देलखंड है। जिसके पूर्व में बघेलखण्ड, पश्चिम में भिण्डभदावर, उत्तर में अन्तर्वेद और दक्षिण में मालवा तथा गौड़वाना आदि सांस्कृतिक इकाईयाँ स्थित है। जिसे संक्षेप में प्राकृतिक तौर पर इस प्रकार निरूपित किया जा सकता है कि ”इत नर्मदा उत यमुना”। इत सिंध उत सतना”।। अर्थात नर्मदा से यमुना और सिंध से सतना नदियों के मध्य स्थित भूभाग ही सही बुन्देलखंड है।