trial for paheliya
July 27, 2024
भोज्य पदार्थ संबंधी पहेलियाँ
July 27, 2024
अठारा बाकी बैनें, अठारा बाके भैया।
परी-परी मताई रोवे, बैठो रोवे भैया ।।
परी-परी मताई रोवे, बैठो रोवे भैया ।।
रहँट
अधिक गुल गुल अधिक सुकबार।
माझे टुकली ढिग ढिग बार ।।
माझे टुकली ढिग ढिग बार ।।
आँख
एक ईंट के दो दरवाजे
नाक
नदी किनारे केर को पेड़ो, तोरी मताई कौ करया टेड़ो
खुरपी
आम लगी, धनिया लगी, पाताल लगी डोर।
ऐंचो रे बाल गोला, चँगन-मँगन होय ।।
ऐंचो रे बाल गोला, चँगन-मँगन होय ।।
रहँट
कितेक सन सूतरी, कितेक मूड़े बार।
कितेक मोड़ी मर गई कितेक होनहार ।।
कितेक मोड़ी मर गई कितेक होनहार ।।
रहँट
एक पाग दो भैय्या बाँधे ।
बैलों की रस्सी
चलते जोगी चलते जाय नौ मन फूल बिखरते जायँ ।
बकरी की लैंड़ी
गट्टा के गट्टा वो उगले, घरर घरर चल्ला चलरे ।
रहँट
खेती के सामान में अक्षर बाके तीन।
आदि कौ अक्षर छाँड़ के वियाय राय कौं तीन।
आदि कौ अक्षर छाँड़ के वियाय राय कौं तीन।
हँसिया
चार हात चौंतरा, पच्ची हात डोर,
खेंच रचे बाल गोला, चेंक रई मोर।
खेंच रचे बाल गोला, चेंक रई मोर।
रहँट
तनक सो लरका हालई भओ।
फेंट बाँध के ठाँडौ भओ।
फेंट बाँध के ठाँडौ भओ।
घास का पूरा
डाँग में खटाक बोली पूँछ मोरे हाथ में।
कुल्हाड़ी
तरें बस्ती, ऊपर मैदान ।
ऊमर का वृक्ष
तनक सी मोंड़ी लंबे बार।
मोरे ससुर की कतरा डार ।।
मोरे ससुर की कतरा डार ।।
गेहूँ की बाल
दो नसे और हाड़ई हाड़।
रहँट
उल्टे खोवा दही जमाओ।
कपास की कली, बोंड़ी
आठ खटाखट नौ पंसारी, सोरा बैने अठारा नारी ।।
आओ पांडे करौ विचार, सोरा मो कौ एक द्वार ।।
आओ पांडे करौ विचार, सोरा मो कौ एक द्वार ।।
रहँट और उसकी धारियाँ
आठ पाँव की नारंगी, धरती मिलती जाय।
राजा कैवे देखो रानी, कौन जनावर आय ।।
राजा कैवे देखो रानी, कौन जनावर आय ।।
किल्ली
एड़क टेड़ौ पेड़े से, तीन मुंड़ी दस गोड़ेसे ।
हल और हल चलाने वाला
चलते जोगी चलते जाय चलते फूल बिखरते जाँय ।
बकरी की लैंडी
हरी थी मन भरी थी, नौ लाख मोती जड़ी थी।
राजाजी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी थी
राजाजी के बाग में दुशाला ओढ़े खड़ी थी
ज्वार का पेड़
जब हती मैं बारी भोरी, तब पहरी हरियाली चोली
अब भई में डग्ग मग्ग, तब पहिरे मोती के झब्ब।
अब भई में डग्ग मग्ग, तब पहिरे मोती के झब्ब।
ज्वार का पेड़
एक चिरैया रंग-बिरंगी, बोले अमिरत बानी
भरे कुआँ में डुबकी मारे, ऊपर माँगे पानी।
भरे कुआँ में डुबकी मारे, ऊपर माँगे पानी।
रहट
रंगू चले रंग पंग, तीन मूड़ दस पंग।
हल आदमी और बैल
काले पहाड़ पै बैल डड़ाँकै ।
कुल्हाड़ी
कुस्म कपास ककरी, चार चीजों की एक लकड़ी।
सेमर