रमाकांत अकेले
September 21, 2024बद्रीनाथ श्रीवास्तव
September 21, 2024जन्म – 1926 ई.
जन्म स्थान – कस्बा मऊरानीपुर झाँसी (उ.प्र.)
जीवन परिचय –
निधन – 1989 ई.
उपन्यास – संगम
अन्य रचनाएँ – महाकाव्य- गाँधी गौरव गाथा , चित्रकूट दर्शन , तुलसीदास और राजापुर झाँसी क्षेत्रांतर मऊरानीपुर आर्थिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं राजनीतिक आयामों का संगम रहा है। बुन्देल काल में इसकी मधुपुरी नाम से स्थापना हुई। साहित्य का केन्द्र और अँग्रेजी सत्ता की छावनी रही। सुखनई नदी के सुरम्य तटबन्धों और समीपस्थ महाशिव ओंकारेश्वर का सुप्रसिद्ध मंदिर इस को सभी का समागम बनाये हुये हैं। उपन्यासकार गोविंद दास त्रिपाठी के उपन्यास ‘संगम’ इसी सब से प्रेरित कृति मानी गई है। गोविन्द दास त्रिपाठी की अन्य कृतियों-गाँधी गौरवगाथा, चित्रकूट दर्शन तथा तुलसीदास और राजापुर आदि में भी ऐसे ही संगम की झलक देखने को मिलती है। स्वातंत्र्योत्तर काल के गौरव गाथा की पुनर्स्थापना के सूत्र उपन्यास ‘संगम’ में देखने को मिलते हैं। आंचलिक उपन्यासों की श्रृंखला में इसके योगदान को देखा जा सकता है। उपन्यास की कथानक भाषा-पात्र व सम्वाद क्षेत्रीय परिवेश, गणवेश का स्वरूप इसमें परिलक्षित होता है।