श्री मयंक त्रिपाठी
September 17, 2024श्री एच. एस. हैकिट ‘राज’
September 17, 2024जन्म – 1 मई सन् 1946
जन्म स्थान – झाँसी
जीवन परिचय – श्री हरीराम पाठक ‘पाठक’ का जन्म सनाढ्य ब्राह्मण परिवार में सन् 1946 में 1 मई को हुआ था। आपके पिता स्व. रामसेवक पाठक थे। आपने बी.ए.एलएल बी. की परीक्षायें उत्तीर्ण की हैं। लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार डॉ. वंशीधर पण्डा के आप भतीजे हैं। आप पानी की धर्मशाला झाँसी के हरिहर महादेव, अन्नपूर्णा गणेश एवं हनुमान जी के मन्दिरों के पुजारी के रूप में कार्य करते हुए सनातन धर्म की सेवा में संलग्न हैं।
आप लगभग 15 वर्षों से साहित्य सेवा में तत्पर हैं। आपने गद्य एवं पद्य दोनों में साहित्य सृजन किया है। ‘जाग्रति के स्वर’ आपकी कविताओं का अच्छा संग्रह है। आपकी कविताएँ समय समय पर विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रहती हैं। पाठक जी ने बुन्देली एवं खड़ी बोली दोनों में काव्य प्रणयन किया है। आपकी भाषा सरल, सरस एवं प्रवाह पूर्ण है। वह प्रसादगुण सम्पन्न होने के कारण जन सामान्य को भी सद्यः रससिक्त करने में सक्षम है।