
सीरौन
July 26, 2024
पपौरा जी
July 26, 2024लखनादौन तीर्थ-क्षेत्र न होकर प्राचीन मंदिरों की बस्ती है पर गरिमा और गौरव इसे तीर्थ-क्षेत्र ही जैसा जंन सामान्य में प्राप्त है। यहाँ 3 प्राचीन, 1 नवीन और एक चैत्यालय कुल मिलाकर 5 जैन मंदिर हैं।
पुरातत्व
जबलपुर से नागपुर मार्ग पर 85 किलोमीटर दूर स्थित लखनादौन में पुरातत्व की बहुमूल्य सम्पदा अनेक स्थानों पर प्राप्त होती रही है। यहाँ की दो तीर्थंकर प्रतिमायें नागपुर एवं कलकत्ता के संग्रहालयों में ले जाई गईं हैं। सन् 1971 जुलाई में एक अष्ट प्रतिहार्य युक्त षट-समकोंणीय प्रतिमा खेत से भगवान महावीर स्वामी की पद्मासन मुद्रा में प्राप्त हुई थी जो अत्यन्त विलक्षण कलाकृति है।
प्राचीन मूर्तियों में बाहुबलि स्वामी और ‘बड़े बाबा’ के मंदिर में भगवान आदिनाथ की मूर्ति उल्लेखनीय है। अमृतसेन के शिष्य त्रिविक्रमसेन के प्रशिष्य ने यहाँ एक जैन मंदिर बनवाया था। लिपि के आधार पर पुरातत्वविदों ने इसे आठवीं शताब्दी का अनुमाना है। वर्तमान में यह महावीर मंदिर के नाम से जाना जाता है।