जीवन परिचय –
पता – नमस्कार, शारदा नगर छतरपुर
ग्रंथ – डॉ परमलाल गुप्त डॉ. नर्मदा प्रसाद गुप्त के अनुज हैं अतएव आपको परिवार व क्षेत्रीय साहित्य भूमि का भी प्रसाद मिला है। जो आपकी कृतियों में भी देखने को मिलता। आपने हिन्दी गद्य एवं पद्य सृजन में प्रशंसनीय कार्य किया है। आपके लिखे उपन्यास इसके प्रमाण हैं। जो
(1) महानायक श्री राम
(2) राष्ट्रनायक श्री कृष्ण
(3) असलियत
(4) धुंध के पार
इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-
(अ) महामानव श्रीराम- यह उपन्यास चरित्रात्मक उपन्यास है जो श्रीराम के पावन चरित्र पर आधारित है। इसकी कथावस्तु सनातन से चली आ रही राम कथा है। परन्तु इस उपन्यास में श्री राम के अवतारी पुरूष की पुरातन कथा को समकालीन आसुरी शक्तियों को परास्त कर धर्म की रक्षा के साथ मानव रक्षा के कर्म राम को महामानव बनाते हैं।
उपन्यास की भाषा सरल और सम्प्रेषणीय है। मानवीय संतापों का त्राण कर सामाजिक दूषणों को दूर करने में निजी सम्बन्धों के ऊपर समष्टि की भावना को प्रतिपादित किया है। अत: अभी तक लिखी गई रामकथा से यह उपन्यास विलग है।
(ब) राष्ट्रनायक श्री कृष्ण परमलाल गुप्त जी का यह दूसरा उपन्यास है। जिसकी बिन्दुवार विचारणा इस प्रकार है।
- यह एक चरित्र प्रधान उपन्यास है जिसके नायक श्री कृष्ण हैं।
- कृष्ण चरित्र की पौराणिक आख्यान की अवधारणा इसके आधार हैं।
- श्री कृष्ण यहाँ राष्ट्र नायक हैं। जो धर्म क्षेत्र और कर्म क्षेत्र की पनपती विरुपताओं का शमन करने हेतु एक नायक बन परस्पर विद्रोही राष्ट्रों के समूहों को तोड़ ‘एक राष्ट्र’ निर्माण करने का काम करते हैं।
इस उपन्यास में परमलाल जी ने अपने देश की समकालीन परिस्थितियों के सापेक्ष में तत्कालीन नायक मोहन दास कर्मचन्द गाँधी के युग धर्म और युग-कर्म के कार्य किये हैं। श्री कृष्ण का राष्ट्र नायक रूप इस उपन्यास का संदेश है।
(स) धुंध के पार
(द) असलियत
अन्य – रामचरित मानस और साकेत , गीतावली का काव्योत्कर्ष , आधुनिक रामकाव्य का अनुशीलन , बिहारी और घनानंद , सियारामशरण गुप्त का साहित्य एक मूल्यांकन , यशपाल और उनकी विधा
काव्य – नवगीत, दमयन्ती (काव्य संग्रह)
कहानी – हिन्दी कहानी का इतिहास
नाटक – आज का हिन्दी नाटक
संस्मरण – अतीत के अनमोल क्षण
व्यंग्य – हमारे आदर्श मुख्य मंत्री
व्याकरण – हिन्दी का व्यावहारिक व्याकरण
यात्रा वृत्तान्त – भारत संग्रह
इस प्रकार आपका हिन्दी साहित्य में किया गया योगदान अविस्मरणीय है।