प्राणनाथ मंदिर महामति श्री प्राणनाथजी महाराज का मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण महाराज छत्रसाल के निर्देश पर किया गया था। यह प्रणामी संप्रदाय का मुख्यालय है जो प्रणामी संप्रदाय में गुम्मदजी के नाम से विख्यात है। मंदिर के शिखर पर प्राणनाथ जी के आशीर्वाद स्वरूप सुवर्ण पंजा प्रतिष्ठित है। मंदिर में मुख्य गुंबद के साथ आठ गुंबद भी बनाये गए हैं, जिसे समन्वयवादी सर्वधर्म सद्भाव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। मंदिर की आंतरिक सजावट बुंदेखंडी शैली में की गई है।
ईस्वी सन 1745 में बनाये गए इस प्राणनाथ मंदिर की भित्तियो पर अंकन किये गये थे। ये अंकन कृष्णलीला के थे, लेकिन अब ये अंकन समाप्त हो गए हैं। इनके स्थान पर हाल ही में बीसबी सदी में कृष्णलीला के अंकन बनायें है जिनका विशिष्ट एतिहासिक महत्व नहीं है । उदाहरणस्वरूप कुछ चित्र दिये जा रहे हैं
पन्ना में मंदिरों की सारिणी हैं। पन्ना व उसके आस-पास अनेक मंदिर हैं, जिनमें मनोरम भित्तिचित्र रहें होंगे। इन मंदिरों में प्रमुख हैं – श्रीराम जानकी मंदिर, श्री जुगल किशोर जू मंदिर, श्री बलदेव जी मंदिर, श्री गोविंद जी मंदिर, श्री जगन्नाथ जी मंदिर, सारंग, सिमरिया व सिंधोरा के मंदिर। किंतु मंदिर में अब कोई एतिहासिक महत्व के महत्वपूर्ण भित्तीचित्र नहीं है।