शरीर संबंधी पहेलियाँ
July 29, 2024खेल संबंधी पहेलियाँ
July 29, 2024
आदि कट तौ प्रान है, मध्य कटे तो सुन।
सो जा अंत कटे से गुनिया मन से गुन ।।
सो जा अंत कटे से गुनिया मन से गुन ।।
सुजान
तीतौं तीन-पाव, सूको सेर भर।
मुर्दा
इतै से आई वे, उतै से आये बे।
काढ़ बैठी वे, घूँस बैठे बे ।।
काढ़ बैठी वे, घूँस बैठे बे ।।
चूड़ी पहनना
एक लई दो फेंक दई।
दातुन
एक हते ते लुच्च, जिनकी करिये दुच्च।
जुआ
कारे पहार पै धोती सूखे ।
नाड़े
कारो खेत रतन कौ पारौ ऐचें डोर तौ चमके तारौ ।
सिर का एक आभूषण
पाँच पंच भीतरे, पाँच पंच बाहरे,
पत्थर दै भीतरे और कठवा बाहरे।
पत्थर दै भीतरे और कठवा बाहरे।
कुम्हार द्वारा घट निर्माण
पानी में सब दिन रहे, जाके हाड़ न माँस,
काम करै तरवार कौ, फिर पानी में बास।
काम करै तरवार कौ, फिर पानी में बास।
घट निर्माण के समय काम आने वाली कुम्हार की डोरी
ना ना ना मोय, मोय छुयें दुख हुइये तोय ।
जो कजात ते मोय छुये, ऊपर बारो लै जैय तोय।
जो कजात ते मोय छुये, ऊपर बारो लै जैय तोय।
मछली पकड़ने की बंशी
अंख है पंख नइयाँ, चलत है चुनत नइयाँ।
रुपया
चार खूंट की चाँदनी चारउ देसन जाय।
राजा जोरे हात को पानी देख डराय ।।
राजा जोरे हात को पानी देख डराय ।।
पुस्तक
छोटो सो लरका तिलक धारी।
पैठ करै मंगल बारी ।।
पैठ करै मंगल बारी ।।
रुपया
जोतो न बखरो, करो न बिरवाई।
तनक सो कस कर लो जनम की हरयाई ।।
तनक सो कस कर लो जनम की हरयाई ।।
गुदना
जोत-जेल के चना बै दये, चौका कर दई बारी।
बिना मूंड कौ उजरा गओ कर दई होरी बारी।
बिना मूंड कौ उजरा गओ कर दई होरी बारी।
तुषार
टेरे से बोले नहीं, मारे से चिल्लाय ।
ढोल
तीन चरन धरनी धरे, एक धरे आकास ।
बिन बादर विन बीजरी, बरसे मूसर धार ।।
बिन बादर विन बीजरी, बरसे मूसर धार ।।
मूत्र, त्याग करता हुआ कुत्ता
तनक सो लरका चाँउर न खाय,
ठुमक ठुमक दरबारे जाय ।
ठुमक ठुमक दरबारे जाय ।
रुपया
एक बटुआ रैन भरो।
अँगीठा नामक वृक्ष का फल
एक कुआ, बत्तीस किनारे । जी में झूलें नौ बनजारे ।।
तरसा
एक चिरइया चौड़ेदार, जी के बच्चा नौ हजार।
मछली पकड़ने का जाल
भुँजाते सब हैं, पर खाता कोई नहीं।
रुपया
एक पेड़ सरौआ जापै बैठे चील न कौआ।
धुंआ
चले पवन से तेज भूमि न छोड़े इक दिन
पल पल पै जल पिये, पुत्र घी जने रैन दिन।
तापै शिव असवार पास पाटाम्बर खप्पर
मन्द चाल तब चलै जबै हाँके गह लक्कर।
पल पल पै जल पिये, पुत्र घी जने रैन दिन।
तापै शिव असवार पास पाटाम्बर खप्पर
मन्द चाल तब चलै जबै हाँके गह लक्कर।
कुम्हार का चका
चाँदसा मुखड़ा सब तन जख्मी, बिना पैर वह चलता है।
सबका प्यारा राजदुलारा साल में साल में बढ़ता है।।
सबका प्यारा राजदुलारा साल में साल में बढ़ता है।।
रुपया
चौंसठ घोड़े एक सवार।
पैसा और रुपया
तनक सो लरका तिलक धारी, पैठ करी मंगलबारी ।।
रुपया
इत्ती बड़ी फुदकी फुदकत जाय,
राजा बुलाने फुदकत जाय।
राजा बुलाने फुदकत जाय।
रुपया
एक नार ऐसन भई, थर थराय सब देह।
वाही के सन्मुख रहै, जासों लागौ नेह ।।
वाही के सन्मुख रहै, जासों लागौ नेह ।।
कुतुबनुमा
रात समय इक मेवा आया, फूलों पाती सबको भाया।
आग दिये वह होवे रुख, पानी दिये वह जावे सूख ।।
आग दिये वह होवे रुख, पानी दिये वह जावे सूख ।।
आतिशबाजी की अनार