शिक्षा का अपार विस्तार है । शिक्षा ही मानव जीवन की आधार शिला है । बिना शिक्षा के बिन गुरू ज्ञान के इस धरती पर प्रत्येक मानव प्राणी अधूरा है ।बुन्देलखण्ड विश्वकोष यह नवीनतम मुख्य उद्देश्य है कि समितियों के माध्यम से शिक्षा के क्षेत्र में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हो,प्राचीन काल से होता आ रहा, वर्तमान परिक्षेप में और व्यापक हो ।
नई शिक्षा नीति लागू हो गई है जिसमें प्राथमिक, माध्यमिक हाई हायर स्कूलों में अध्यापन आरंभ है । शासकीय, अशासकीय विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में गुरूजन के ज्ञान की गंगा निरंतर प्रवाहित हो रही और अधिक ज्ञान-विज्ञान का संज्ञान हो, बुंदेलखंड में, ताकि शिक्षा नीति जन-जन तक पहुंचे शिक्षा समिति उप समिति का यही मुख्य उद्देश्य है । जो निम्नानुसार है
1- बुंदेलखंड में प्राचीनकालीन शिक्षा व्यवस्था समिति
गुरुकुल / आश्रम व्यवस्था समिति
संस्कार शिक्षा समिति,
संगीत कला शिक्षा समिति
2- मध्यकालीन शिक्षा व्यवस्था
उर्दू शिक्षा समिति,
संस्कृत शिक्षा समिति,
गुरु जनों द्वारा प्रदत्त समाजपोषी व्यवस्था हेतु शिक्षासमिति
3- आधुनिक कालीन शिक्षा ।
नई शिक्षा नीति समिति
संस्कृत शिक्षा समिति,
साहित्य, संगीत, कला समिति
प्रौढ़ शिक्षा समिति
नारी शिक्षा समिति,
खेलकूद समिति,
ज्ञान- विज्ञान शिक्षासमिति,
शासकीय विद्यालय,महाविद्यालय समिति
अशासकीय प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा समिति
बुन्देलखण्ड विश्वकोश योजना हेतु शिक्षा समिति के द्वारा बुन्देलखंड की प्राचीन से लेकर आजतक की शिक्षा व्यवस्था पर कार्य किया जायेगा । नयी पीढी को ज्ञानवर्धक शिक्षा प्राप्त कराई जावे, यही बुंदेलखंड शिक्षा समिति का उद्देश्य है । उपसमितियों के प्रभारियों की सूची तैयार की जा रही है ।
बुन्देलखण्ड शिक्षा समिति प्रभारी डॉ प्रेमलता नीलम प्राचार्य, शास हायर, सेकेंडरी बी 29 काव्य कुंज, एलोरा कालोनी दमोह
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।