श्री छक्की लाल वर्मा ‘सोनी’
September 17, 2024श्री सीताराम चतुर्वेदी ‘अटल’
September 17, 2024जन्म – 1 अक्टूबर सन् 1928 ई.
जन्म स्थान – ग्राम पट्टी कुम्हर्रा (झाँसी)
रचना – श्रमणा (महाकाव्य), अंजलि (गीति काव्य), बुन्देल भारती (बुन्देली के गीत), ब्रजनन्दन (ब्रजभाषा का स्फुट काव्य), कविता बाला (मुत्तक काव्य), भरत आगमन (खण्ड काव्य), चित्रगुप्त (नाटक), उर्दू गजलें
जीवन परिचय – महाकवि श्री अवधकिशोर श्रीवास्तव ‘अवधेश’ का जन्म ग्राम पट्टी कुम्हर्रा (झाँसी) में सन् 1928 ई. में 1 अक्टूबर को हुआ था। आपके पिता श्री गयाप्रसाद श्रीवास्तव थे। अवधेश जी ने एम.ए. (हिन्दी), साहित्यरत्न एवं आयुर्वेदरत्न की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं। ये चिरकाल तक सिंचाई विभाग में पेशकार रहे हैं। आपने सन् 1939 से काव्य सृजन प्रारम्भ कर दिया था। आपने निम्न- लिखित ग्रन्थों की रचना की है-
- श्रमणा (महाकाव्य), 2. अंजलि (गीति काव्य), 3. बुन्देल भारती (बुन्देली के गीत), 4. ब्रजनन्दन (ब्रजभाषा का स्फुट काव्य), 5. कविता बाला (मुत्तक काव्य), 6. भरत आगमन (खण्ड काव्य), 7. चित्रगुप्त (नाटक), 8.उर्दू गजलें
अवधेश जी का ‘बुन्देल भारती’ काव्य संकलन बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के एम.ए. के पाठ्यक्रम में निर्धारित किया गया है तथा मूसर की करामात (नाटक) सागर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में संलग्न है। उनकी यह उपलब्धि उनकी उच्चस्तरीय काव्य प्रतिभा की परिचायक है।
कविवर अवधेश जी ने खड़ी बोली, ब्रजभाषा, बुन्देली तीनों पर अपनी लेखनी चला कर उत्कृष्ट काव्य रचना प्रस्तुत की है। उनका श्रमणा महाकाव्य मौलिकता, सरसता एवं भावमयता का अनूठा संगम है जिसमें नाना धार्मिक प्रसंगों का समावेश किया गया है। अवधेश जी का कार्यक्षेत्र व्यापक है उसमें प्रायः सम्पूर्ण भावों की अभिव्यक्ति भी है और सम्पूर्ण रसों का परिपाक भी। उनकी अलंकार योजना भावों की संपोषक तथा आकर्षक है।