श्री सीताराम शरण
September 17, 2024पं. भगवतीप्रसाद तिवारी ‘व्याकुल’
September 17, 2024जन्म – 1 सितम्बर सन् 1924 ई.
जन्म स्थान – ग्राम संगुवाँ (गरौठा-झाँसी)
जीवन परिचय – सुकवि रसिक बिहारी श्रीवास्तव ‘रसिक’ का जन्म कायस्थ परिवार में सन् 1924 ई. में 1 सितम्बर को ग्राम संगुवाँ (गरौठा-झाँसी) में हुआ था। आपके पिता स्व. गौरीशंकर श्रीवास्तव थे। आपने बी.ए. तक शिक्षा प्राप्त की है। आपका वर्तमान निवास स्थान 1, पुरानी नझाई झाँसी है। आप झाँसी जनपद न्यायालय के अवकाश प्राप्त चीफ रीडर हैं।
‘रसिक’ जी का संगीत, गणित तथा इतिहास के प्रति भी विशेष रूझान है। आप सन 1942 ई. से काव्य-सृजन-रत हैं। आपने अलका-विजय (लघु कथा-काव्य) एवं अंकुर (गीत-संग्रह) ग्रन्थों की रचना की है।
‘रसिक’ जी ने बुन्देली एवं खड़ी बोली दोनों में सुन्दर काव्य-सृजन किया है। उनकी खड़ी बोली प्रसाद एवं माधुर्य मिश्रित है जिसमें संस्कृत के शब्दों का समावेश है किन्तु दुरुहता एवं क्लिष्टता कहीं नहीं दिखाई देती। उपमा एवं रूपक उनके प्रिय अलंकार है जिनकी प्रविष्टि भावाभिव्यंजक तथा काव्योत्कर्ष वर्द्धक है। जाड़े की धूप का उन्होंने सुन्दर वर्णन किया है प्रकृति का आलंबन रूप में ऐसा स्वाभाविक वर्णन कम कवियों ने किया है।