वृन्दावन लाल वर्मा
September 20, 2024ऊषा देवी मित्रा
September 20, 2024जन्म – सन् 1895 ई.
जन्म स्थान – चिरगाँव जिला झाँसी
जीवन परिचय – आपका जन्म सन् 1895 ई. में भाद्रपद पूर्णिमा को चिरगाँव जिला झाँसी के एक सम्भ्रांत परिवार में हुआ था। कविवर मैथिलीशरण गुप्त उनके भ्राता थे। दोनों अपने-अपने विचार और सृजन में अलग रहते हुये भी एक दूसरे के सहयोगी रहे। कहते हैं कि एक विशाल वट-वृक्ष के नीचे दूसरा पेड़ का पनपना कठिन है। किन्तु सियाराम शरण गुप्त ने इसे झुठला दिया था। आप स्वतंत्र रूप से अपने सृजन में लगे रहे। आपकी महत्वपूर्ण कृतियाँ इस प्रकार हैं- 1. आर्द्रा (1928) 2. मौर्य विजय 3. अनाथ 4. बिषाद 5. दूर्वादल (1929) 6. आत्मोत्सर्ग (1933) 7. गोद (उपन्यास) 8. मानुषी (कहानियाँ) 9. पाथेय (कविता संग्रह) 10. अंतिम आकांक्षा (उपन्यास) 11. नारी 12. झूठ-सच आदि हैं। इस प्रकार सियाराम शरण गुप्त जी ने साहित्य के सभी क्षेत्रों में रचना की है। आप टैगौर, महात्मा गाँधी तथा विनोवाभावे से प्रभावित रहे। साहित्य में जागरण युग के बाद पुनर्जागरण और सुधार का काल था। सियाराम शरण गुप्त ने देश की राष्ट्रीय चेतना का सृजन किया। जिसमें दलितों किसानों के उत्थान की बात रखी है। यह सब उनके उपन्यास ‘अंतिम आकांक्षा’ में प्रदर्शित हुआ है। सियाराम शरण जी का ‘गोद’ (1932 ई.) प्रथम उपन्यास है।