टोड़ी-फतेहपुर झाँसी जिले की तहसील टहरौली की नगर पंचायत है। बड़ागाँव के जागीरदार राय सिंह ने 1790 में अपने आठ पुत्रों के बीच बँटवारा किया, जिसे आठ भैया स्टेट(अष्ट-गढि़याँ) के नाम से जाना जाता है। टोड़ी-फतेहपुर का किला भी उन्हीं में से एक था, जिसे राजा हिन्दुपत ने बनवाया था। टोड़ी-फतेहपुर किला एक ऊँची पहाड़ी पर निर्मित है, जिसके एक ओर पथराई नदी तथा दूसरी ओर टोड़ी तालाब है। किला पाँच विशाल पत्थरों की दीवारों से घिरा हुआ है। किले के तीन विशाल द्वार हैं, जिन्हें मातन दरवाजा़, टोड़ी दरवाज़ा तथा फतेहपुर दरवाज़ा कहा जाता है। किले का मुख्यत: चार भागों में बाँटा गया है- सबसे पुराना और सबसे ऊपर गुसांईमहल, उसके पश्चात् रनिवास, फिर रंगमहल पैलेस जिसे राजमहल भी कहते है। और अंत में एक चार मंजिला इमारत है, जिसमें टोड़ी फतेहपुर के राजपरिवार का आवास है। किले में अनेक सुरंगे हैं।
किले प्राँगण में एक सुंदर पाँच मंजिला मंदिर है, जो भगवान राम का समर्पित है। इसके दीवारों और छतों पर आकर्षक लगभग दो हजार से ज्यादा चित्र हैं, जो कि मुख्यत: रामायण एवं श्रीमद्भागवत पर आधारित हैं। इसके अतिरिक्त तत्कालीन युद्ध, तृत्य मुद्राओं, धार्मिक उत्सवों, सामाजिक तथा परिवेश को प्रदर्शित करते हुए भी अनेक चित्र हैं। इन चित्रोंमें प्राय: सभी रंगों का बहुत ही कलात्मक तरीके से उपयोग किया गया है। मंदिर के शिखर पर सवा मन (50 किलोग्राम) सोने का कलश है। वर्तमान में इस किले पर राजा रघुराज सिंह जू देव (1895) के वंशजों का अधिकार है।