गोरा (टीकमगढ़) का सूर्य मंदिर सपाट छत का ईंटों से बना है। गर्भगृह, जहॉं सूर्य चक्र प्रतिष्ठित है, चारों ओर से खुला है। डा. त्रिपाठी इसे गुप्तकालीन मानते हैं मेरे उपर्युक्त विवेचन पर आधारित निष्कर्ष के अनुसार यह भी ईसा से प्रथमशती पूर्व का है।
सूर्यप्रतिमा की देवप्रतिष्ठा वाले मन्दिरों में कालप्रियनाथ सूर्यमन्दिर (कालपी) जरायमठ बरवासागर, रहिलिया (राहिल्यनगर, महोबा) बुधनी (ललितपुर) एवं जालौन नगर के सूर्यमन्दिर बुन्देलखण्ड के उत्तरप्रदेशीय क्षेत्र में आते हैं मध्यप्रदेशीय बुन्देलखण्ड में मड़खेरा, ऊमरी, नारायणपुर एवं बनारसी ग्राम (जिला टीकमगढ़) रहली (सागर) चित्रगुप्त का सूर्य मंदिर (खजुराहो) मऊसहानियां एवं छतरपुर नगर (जिला छतरपुर) मिहोना एवं भरौली (जिला भिण्ड) रोंगरा एवं सेसई (जिला शिवपुरी) तथा आलमपुर (जिला ग्वालियर) के मन्दिर चर्चित हुये हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र साम्ब को कुष्ठ रोग से निदान हेतु भगवान सूर्यदेव ने उनके तप से प्रसन्न होकर तीन सूर्यमन्दिर बनावाकर उनमें प्रातः मध्यान्ह तथा अपरान्ह में सूर्य दर्शन करने निर्देश दिया था। तदनुसार साम्ब ने देश के अत्यंत प्रसिद्ध तीन प्राचीन सूर्य मन्दिरों का निर्माण मूल स्थान (मुल्तान) तथा कालप्रिय (कालपी) में कराया।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।