हकीम डॉ. ओमप्रकाश चौबे, बी.यू.एम.एस., यूनानी चिकित्सा अधिकारी से.नि., दीनदयाल नगर मकरोनिया, सागर मध्यप्रदेश, बुन्देलखण्ड, मो. 8319564339 बुन्देलखण्ड में हजारों वर्ष पहले मुगल काल में कुछ क्षेत्रों हकीमी चिकित्सा (यूनानी) को महत्व प्राप्त था। हमीरपुर, बांदा, छतरपुर, झांसी, दतिया, इत्यादि इलाकों में यह चिकित्सा हकीमों द्वारा जनमानस में दी जाती रही है। वर्तमान में भी यह चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्ध है। इस चिकित्सा तथा आयुर्वेद चिकित्सा का इतिहास समकक्ष ही रहा है। यह भी प्रकृति से बनी हुई चिकित्सा है। यह चिकित्सा रोगों का ज्ञान बलगम, थूक, रक्त के रंग, पसीना, चमड़ी का रंग, मूत्र के रंग से परीक्षण कर निदान द्वारा चिकित्सा की जाती है। मुगल काल में यह चिकित्सा जन-जन में समाहित थी विशेषकर उत्तरांचल, झांसी, जालौन, बांदा, हमीरपुर, भिंड, छतरपुर, सागर इत्यादि जिलों में इस चिकित्सा का अत्यंत महत्वपूर्ण परिचय प्राप्त होता रहा है। वर्तमान में भी शासकीय औषधालय चिकित्सा सेवा दे रहे हैं।