मकबूल अहमद
September 21, 2024शोभाराम श्रीवास्तव
September 21, 2024जन्म – 6 जुलाई 1932 ई.
जन्म स्थान – भेलसा विदिशा (म.प्र.)
जीवन परिचय –
कर्म भूमि – भोपाल (म.प्र.)
पता – 1418 परी बाजार शाहजहांनाबाद भोपाल, (म.प्र.)
पिता – स्व. पं. मूलचन्द्र चतुर्वेदी
शिक्षा – स्नातक
पद – पूर्व राजकीय जन संपर्क अधिकारी म.प्र.
सृजन – धड़कनों के आसपास (गजल)
काव्य – आदमी होने का दुख
हास्य व्यंग्य – सुधियों के अमलतास , छींटे रंग गुलाब के , संवेदना गंध , एक किरन बन जाये , खूब भरो मेला (बुंदेली)
बाल साहित्य – ऐसा मत करना बच्चो , देश पर कुर्बान कर दो
बुन्देली संगीत रूपक – बरखा बसंत
कहानियाँ – नागफनी के कांटे , एक और सीता , कथा श्री बल्लभ जी की , माफ करना गगन , एक बार हँस दे माँ , मेरी प्रिय कहानियाँ
व्यंग्य संग्रह – आप धन्य हैं , यह है भोपाल , हुजूर माई बाप
उपन्यास – बहु आयामी प्रतिभा के धनी बटुक जी ने उपन्यास जगत में भी अपनी स्पष्ट छाप छोडी है। आपका लिखा उपन्यास हेमंतिया उर्फ कलेक्टरनी चर्चित उपन्यास रहा है। यह एक सामाजिक उपन्यास है। जो बेड़नी नृत्यांगना के चरित्र पर आधारित समाज सुधार का एक दस्तावेज है। कथा वस्तु एक प्रतिभाशाली पिछड़े समाज की बेटी अपने अध्यवसाय से कलेक्टर जैसे पद पर बैठ जाती है। वह अपने सामाजिक दायित्वों का पूर्ण निष्ठा के साथ योजनाओं का कार्यान्वयन कर जागृति का कार्य कर “नारी को नारायणी’ पद पर प्रतिष्ठित करने का सुकर्म करती है। उपन्यास की भाषा-शैली प्रभावी है। पात्र स्थानीय क्षेत्र से लिये गये हैं। इस प्रकार उपन्यासकार ‘बटुक’ जी ऐसे साहसिक चरित्र-चित्रण से पुरूष से पुरुषोत्तम जैसा ऊर्ध्वगमन सिद्ध कार्य करते हैं। जो आपको इस क्षेत्र में अग्रणी बनाते हैं।