हास्य व्यंग्य – सुधियों के अमलतास , छींटे रंग गुलाब के , संवेदना गंध , एक किरन बन जाये , खूब भरो मेला (बुंदेली)
बाल साहित्य – ऐसा मत करना बच्चो , देश पर कुर्बान कर दो
बुन्देली संगीत रूपक – बरखा बसंत
कहानियाँ – नागफनी के कांटे , एक और सीता , कथा श्री बल्लभ जी की , माफ करना गगन , एक बार हँस दे माँ , मेरी प्रिय कहानियाँ
व्यंग्य संग्रह – आप धन्य हैं , यह है भोपाल , हुजूर माई बाप
उपन्यास – बहु आयामी प्रतिभा के धनी बटुक जी ने उपन्यास जगत में भी अपनी स्पष्ट छाप छोडी है। आपका लिखा उपन्यास हेमंतिया उर्फ कलेक्टरनी चर्चित उपन्यास रहा है। यह एक सामाजिक उपन्यास है। जो बेड़नी नृत्यांगना के चरित्र पर आधारित समाज सुधार का एक दस्तावेज है। कथा वस्तु एक प्रतिभाशाली पिछड़े समाज की बेटी अपने अध्यवसाय से कलेक्टर जैसे पद पर बैठ जाती है। वह अपने सामाजिक दायित्वों का पूर्ण निष्ठा के साथ योजनाओं का कार्यान्वयन कर जागृति का कार्य कर “नारी को नारायणी’ पद पर प्रतिष्ठित करने का सुकर्म करती है। उपन्यास की भाषा-शैली प्रभावी है। पात्र स्थानीय क्षेत्र से लिये गये हैं। इस प्रकार उपन्यासकार ‘बटुक’ जी ऐसे साहसिक चरित्र-चित्रण से पुरूष से पुरुषोत्तम जैसा ऊर्ध्वगमन सिद्ध कार्य करते हैं। जो आपको इस क्षेत्र में अग्रणी बनाते हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।