
उनाव का सूर्य मंदिर
July 2, 2024
पुराणकालीन सूर्य मंदिर कालपी (उत्तरप्रदेशीय बुन्देलखण्ड)
July 2, 2024गोरा (टीकमगढ़) का सूर्य मंदिर सपाट छत का ईंटों से बना है। गर्भगृह, जहॉं सूर्य चक्र प्रतिष्ठित है, चारों ओर से खुला है। डा. त्रिपाठी इसे गुप्तकालीन मानते हैं मेरे उपर्युक्त विवेचन पर आधारित निष्कर्ष के अनुसार यह भी ईसा से प्रथमशती पूर्व का है।
सूर्यप्रतिमा की देवप्रतिष्ठा वाले मन्दिरों में कालप्रियनाथ सूर्यमन्दिर (कालपी) जरायमठ बरवासागर, रहिलिया (राहिल्यनगर, महोबा) बुधनी (ललितपुर) एवं जालौन नगर के सूर्यमन्दिर बुंदेलखंड के उत्तरप्रदेशीय क्षेत्र में आते हैं मध्यप्रदेशीय बुंदेलखंड में मड़खेरा, ऊमरी, नारायणपुर एवं बनारसी ग्राम (जिला टीकमगढ़) रहली (सागर) चित्रगुप्त का सूर्य मंदिर (खजुराहो) मऊसहानियां एवं छतरपुर नगर (जिला छतरपुर) मिहोना एवं भरौली (जिला भिण्ड) रोंगरा एवं सेसई (जिला शिवपुरी) तथा आलमपुर (जिला ग्वालियर) के मन्दिर चर्चित हुये हैं।
भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र साम्ब को कुष्ठ रोग से निदान हेतु भगवान सूर्यदेव ने उनके तप से प्रसन्न होकर तीन सूर्यमन्दिर बनावाकर उनमें प्रातः मध्यान्ह तथा अपरान्ह में सूर्य दर्शन करने निर्देश दिया था। तदनुसार साम्ब ने देश के अत्यंत प्रसिद्ध तीन प्राचीन सूर्य मन्दिरों का निर्माण मूल स्थान (मुल्तान) तथा कालप्रिय (कालपी) में कराया।