
बड़ागाँव
July 26, 2024
जतारा
July 26, 2024टीकमगढ़ जिले में मुख्यालय से मोहनगढ़ की ओर लगभग 50 किलोमीटर दूर बम्होरी बराना के पास अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र बंधा जी है। आजादी के 56 वर्ष बीत जाने के बाद भी तीर्थ स्थल तक पहुँचने के लिये पूरा पक्का मार्ग नहीं है। क्षेत्र पर स्थित एक प्राचीन मुख्य जिनालय है जिसमें मूल प्रतिमा तीर्थंकर अजितनाथ की पद्मासन मुद्रा में दर्शनीय है। इतिहास की दृष्टि से यह चंदेलकालीन प्रतीत होती है। मंदिर के बाहर लगी हुई वेदियों पर भी तीर्थंकर मूर्तियाँ वंदनीय हैं।
पुरातत्व
बंधा जी क्षेत्र पर स्थित भोंयरा दर्शनीय है। इस भूगृह में अनेक प्राचीन मूर्तियाँ संग्रहित हैं। मूल नायक तीर्थंकर अजितनाथ की सन् 1142 की भव्य प्रतिमा महत्वपूर्ण है। इसके एक ओर ऋषभदेव और दूसरी ओर तीर्थंकर संभवनाथ की संवत् 1209 की खड़गासन प्रतिमायें स्थापित हैं। संवत् 1209 की ही नेमिनाथ और सम्भवनाथ की दो मनोहर प्रतिमायें भी हैं। भौंयरे के अतिशय शिखर बंद जिनालय की ऊँचाई 65 फुट है जो अठारहवीं शताब्दी का सृजन है। इसमें अनेक जिन बिम्ब हैं। इस क्षेत्र पर 1952 में 108 मुनिवर श्री महावीर कीर्ति जी के पधारने पर यहाँ की एक मुखी बावड़ी में उनके द्वारा भगवान का गंदोदक डालने से कुएं में पानी भर आने की घटना किंवदंतियों में प्रचलित है इसीलिये यह अतिशय क्षेत्र के रूप में मान्य है। बंधा क्षेत्र में अब संग्रहालय, विद्यालय और धर्मशाला का भी निर्माण हो चुका है।