टीकमगढ़ जिले में मुख्यालय से मोहनगढ़ की ओर लगभग 50 किलोमीटर दूर बम्होरी बराना के पास अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र बंधा जी है। आजादी के 56 वर्ष बीत जाने के बाद भी तीर्थ स्थल तक पहुँचने के लिये पूरा पक्का मार्ग नहीं है। क्षेत्र पर स्थित एक प्राचीन मुख्य जिनालय है जिसमें मूल प्रतिमा तीर्थंकर अजितनाथ की पद्मासन मुद्रा में दर्शनीय है। इतिहास की दृष्टि से यह चंदेलकालीन प्रतीत होती है। मंदिर के बाहर लगी हुई वेदियों पर भी तीर्थंकर मूर्तियाँ वंदनीय हैं।
पुरातत्व
बंधा जी क्षेत्र पर स्थित भोंयरा दर्शनीय है। इस भूगृह में अनेक प्राचीन मूर्तियाँ संग्रहित हैं। मूल नायक तीर्थंकर अजितनाथ की सन् 1142 की भव्य प्रतिमा महत्वपूर्ण है। इसके एक ओर ऋषभदेव और दूसरी ओर तीर्थंकर संभवनाथ की संवत् 1209 की खड़गासन प्रतिमायें स्थापित हैं। संवत् 1209 की ही नेमिनाथ और सम्भवनाथ की दो मनोहर प्रतिमायें भी हैं। भौंयरे के अतिशय शिखर बंद जिनालय की ऊँचाई 65 फुट है जो अठारहवीं शताब्दी का सृजन है। इसमें अनेक जिन बिम्ब हैं। इस क्षेत्र पर 1952 में 108 मुनिवर श्री महावीर कीर्ति जी के पधारने पर यहाँ की एक मुखी बावड़ी में उनके द्वारा भगवान का गंदोदक डालने से कुएं में पानी भर आने की घटना किंवदंतियों में प्रचलित है इसीलिये यह अतिशय क्षेत्र के रूप में मान्य है। बंधा क्षेत्र में अब संग्रहालय, विद्यालय और धर्मशाला का भी निर्माण हो चुका है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।