उ.प्र. में ललितपुर जिले के अंतर्गत, झाँसी बम्बई रेल मार्ग पर स्थित धौर्रा रेलवे स्टेशन से 2 कि.मी. पूर्व एवं ललितपुर स्टेशन पर उतरकर बस से तीस कि. मी., देवगढ़ मार्ग पर देवगढ़ से लगभग 17 कि.मी. की दूरी पर चाँदपुर स्थित है।
इतिहास
आज जंगलों के उदर में खोये निर्जन कला तीर्थ चाँदपुर और जहाजपुर कभी सशक्त सत्ता के केन्द्र थे। यहाँ की मूर्तिकला का काल दसवीं से तेरहवीं सदी रहा है।
चाँदपुर अतीत में एक समृद्धशाली नगर रहा है और इसके संस्थापक चंदेलकालीन नरेश चंद्रवर्मन थे। यहाँ के मंदिरों का निर्माता वत्सराज गोत्र में उत्पन्न उदयपाल माना जाता है।
उल्लेखनीय यह है कि चाँदपुर में चंदेली कलात्मकता के साथ धार्मिक सहिष्णुता के भी दर्शन होते हैं। यही कारण है कि यहाँ जैन मंदिरों के साथ हिन्दु मंदिर भी वन्दनीय हैं।
पुरातत्व
इस तीर्थ पर जैन मंदिर, रेलवे स्टेशन के एक ओर अवस्थित हैं। वस्तुतः यहाँ अब केवल भग्वानेश ही अतीत की गाथा सुनाते हैं क्योंकि कुछ कलावशेष मात्र विद्यमान हैं।
शांतिनाथ जिनालय (एक)
यह मंदिर तो साधारण है परन्तु बारह फुट उत्तुंग तीर्थंकर शांतिनाथ की कायोत्सर्ग प्रतिमा दर्शनीय है। पादपीठ पर शासनदेव गरुण व शासन देवी महामलसी उत्कीर्ण हैं। द्वार पर भी नवग्रह, नागी, शाल भंजिका आदि उत्कीर्ण हैं।
शांतिनाथ मंदिर (द्वितीय)
इस अवशिष्ट मंदिर में 17 फुट उत्तुंग शांतिनाथ की विशालकाय कायोत्सर्ग प्रतिमा है। पाद पीठ पर युगल हिरण एवं सिंह, दाहिनी ओर कल्पवृक्ष एवं तीर्थंकर मूर्तियों का अंकन है। मंदिर के बाहर 24 मूर्तियाँ विद्यमान हैं।
गर्भगृह के आगे स्थित मण्डप, इस की पंचायतन शैली का प्रतीक है। उपरोक्त दोनों मंदिरों के अतिरिक्त उत्तर पश्चिम की ओर एक मंदिर के भग्नावशेष रूप में चार स्तम्भों पर एक वितान है। अन्य स्थानों पर कुछ शिलालेख और खण्डित मूर्तियाँ ही बिखरी पाई जाती हैं। अनेकों महत्वपूर्ण मूर्तियाँ एवं शिला लेख यहाँ से उठवाकर झाँसी स्थित रानी महल के संग्रहालय में संग्रहित कराये गये हैं जिनसे चाँदपुर की समृद्ध और गौरवपूर्ण शिल्पकला प्रदर्शित होती है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।