अतिशय दिगम्बर जैन क्षेत्र दूधई, देवगढ़ से 30 कि.मी., ललितपुर से 50 कि.मी. और शाहपुरा से 16 कि.मी. दूर पड़ता है। इसका पुराना नाम माहौली था। चंदेलकाल में यह प्रान्तीय केन्द्र था। यहाँ भी अधिकांश जिनालय नष्ट हो चुके हैं पर भग्नावशेष भी कम महत्वपूर्ण नहीं हैं।
पुरातत्व
आदिनाथ मंदिर में नागर शैली की संरचना यथा मण्डप में ऊपरी शिलापट्टों पर गजारूढ़ तीर्थंकर, नाग बल्लिकाओं की सुंदर मूर्तियाँ और संगीत, नृत्यादि की विविध मुद्रायें शोभित हैं। गर्भगृह के केन्द्र द्वार में आदिनाथ तीर्थंकर, कटिहस्त मुद्रा में पुरुषाकृति एवं पादपीठ पर ध्वज चिन्ह वृषभ तथा दोनों ओर शासन देव-देवियाँ उत्कीर्ण हैं।
मुख्य प्रतिमा तीर्थंकर आदिनाथ की 13 फुट कायोत्सर्ग, वृषभ चिन्ह व हिरण अंकित, सिर के चारों ओर कमलदल युक्त प्रभामण्डल शोभायमान है। बांयी ओर तीर्थंकर आदिनाथ एवं पार्श्वनाथ की सुन्दर चंवरधारियों सहित सिंह व्याल, वृषभ आदि अलंकृत हैं पार्श्वनाथ आदि तीर्थंकरों की सुन्दर मूर्तियाँ हैं।
अन्य विद्यमान तीर्थकरों के अधोभाग नहीं हैं इससे पहचान नहीं हो पाती। युगलिया की एक अत्यंत कलात्मक प्रतिमा भी यहाँ दर्शनीय है।
शांतिनाथ मंदिर
वर्तमान में इस मंदिर का गर्भगृह ही शेष है इसमें 13 फीट ऊँची तीर्थंकर शांतिनाथ की विशालकाय प्रतिमा अवस्थित है, इसके भुजाओं वाला भाग नष्ट हो चुका है। पर पाद पीठ के केन्द्र में कीर्ति मुख तथा शार्दूल, हिरण एवं आराधक का चित्रांकन दर्शनीय है। इस मूर्ति के दोनों ओर 10-10 फुट ऊँची पार्श्वनाथ प्रतिमायें, चैवरधारियों, कटिहस्त मुद्रा युक्त पुरुषाकृतियों, फणावलियों और विद्याधरों आदि से सुसज्जित हैं।
बड़ी एवं छोटी बारात
दूधई के पश्चिमी समूह के मंदिरों में, पूर्व समूह से कुछ फासले पर ही दो प्राचीन जैन मंदिरों के भग्नावशेष, आमने सामने बड़ी एवं छोटी बरात के नाम से जाने जाते हैं। इसके पीछे पवा से मिलती जुलती जनश्रुति चर्चित है कि कभी देवपत, खेवपत नाम के दो वणिकों ने इनका निर्माण कराया था। कनिंघम (प्रसिद्ध विदेशी यात्री लेखक) ने इन्हें श्रेष्ठ कलाकृतियाँ बताया था। बड़ी बरात में बड़ी संख्या में मूर्तियाँ हैं, जिनमें अखंडित ही अधिक हैं। तीन पूर्ण (अखंडित) मूर्तियाँ तीर्थकर सुपार्श्वनाथ, आदिनाथ और शीतलनाथ की उत्कृष्ट कलाकृतियाँ हैं। छोटी बारात में अवश्य अधिकांश मूर्तियाँ खण्डित हैं।
यहाँ की उत्कृष्ठ कलाकृतियाँ झाँसी के रानी महल के संग्रहालय में प्रदर्शित की गई हैं, जिनमें चौबीसी, युगलिया, अम्बिका, पार्श्वनाथ आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।