वर्तमान पता – एम-111 शांतिविहार रजाखेड़ी सागर- 470004
शिक्षा – एम.ए. (प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व) एम.ए. (मध्य कालीन भारतीय इतिहास) पी-एच.डी. (खजुराहो की मूर्तिकला का सौंदर्यात्मक अध्ययन)
कहानी संग्रह – बाबा फरीद अब नहीं आते। तीली तीली आग । बधाई की चिट्ठी। राख तरे के अंगरा (बुन्देली)
नवगीत संग्रह – आँसू बूँद चुए।
आत्म कथ्य – खण्ड काव्य
न्यायालयिक विज्ञान की नई चुनौतियां (शोध ग्रंथ)
उपन्यास – पिछले पन्ने की औरतें , कस्बाई समोन, पचकौड़े , शिखंडी सामाजिक आलेख आदि
समकालिक हिन्दी उपन्यासों की अन्तर्वेदी प्रवृत्ति से निकल कर धीर-धीरे समाज में फैले विवर्तों का सोदेश्य खुलासा कर उसके परिवेश को एक नई दिशा देने के सद् प्रयत्न हुये। बुन्देलखण्ड में आंचलिक उपन्यासों में क्षेत्रीय परिवेश पर उपन्यास कारों का ध्यान केन्द्रित हुआ। जिनके लेखन में अनछुये प्रकरणों को अनावृत्त किया गया। डॉ. शरद सिंह के उपन्यासों में यही सब देखने को मिलता है। जो उनके कथा साहित्य के फैलाव में दृष्टिगत होता है। पिछले पन्ने की औरतें में डॉ. शरद सिंह का प्रयास समाज की अंतिम छोर पर खड़ी नारी को अगली पंक्ति में लाने का सम्भवतः हो सकता है।
डॉ. शरद सिंह के अन्य उपन्यासों में कस्बाई सिमोन पचकौड़ी और शिखण्डी है। जिनमें कस्बों के बदबूदार परिवेश और आपसी द्वन्द्वों का चित्रण है। शिखण्डी उपन्यास में कमोवेश समाज और व्यक्ति की नकारात्मकता को उजागर करने का साहस उपन्यास लेखिका ने किया है। इस प्रकार डॉ. शरद सिंह के उपन्यासों में स्वातंत्र्योत्तर महिला कथा लेखन में नारी स्वत्व, की दशा को उजागर कर एक नई दिशा देने का प्रयत्न किया गया है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।