कवि-केसरी श्री भगवानदास ‘बालेन्दु’
September 16, 2024आचार्य मदनमोहन एडवोकेट
September 16, 2024जन्म – 1 सितम्बर 1913 ईस्वी
जन्म स्थान – झाँसी
ग्रन्थ – पत्रा धाय, कवि काव्य परिचय एवं शैलियाँ , बापू चरितामृत, बंग भूमि, लालबहादुर शास्त्री, वेश्यायन, जिन्दगी और नारी , पांचाली , रामप्रिय हनुमान, बुन्देली रामायण
कविवर मुंशीलाल पटैरिया ‘शशिधर’ का जन्म झाँसी में एक सितम्बर उन्नीस सौ तेरह ईस्वी को हुआ था। आपके पिता स्वनामधन्य स्व. बच्चीलाल पटैरिया थे। आपका वर्तमान निवास स्थान 67 चन्द्रेशखर आजाद, झाँसी है। आपने हिन्दी एवं संस्कृत में एम.ए. किया है। इन्होंने सन् 1940 ई. से ही काव्य रचना प्रारम्भ कर दी थी।
श्री पटैरिया जी ने खड़ी बोली तथा बुन्देली दोनों में समान रूप से रचना की है। आपने नाटक, कहानी, निबन्ध प्रभूति गद्य विधाओं में भी सशक्त साहित्य सृजन किया है। आपके दश नाटकों का विभिन्न विद्यालयों में सफल मंचन हो चुका है। ‘शशिधर’ जी ने सामाजिक, धार्मिक, ऐतिहासिक एवं राष्ट्रीय सभी विषयों पर अपनी ओजस्वी लेखनी चलाई है। इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अनेक विश्वविद्यालयों में शोध प्रस्तुत किए जा रहे हैं तथा इन्हें अनेक शैक्षिक तथा साहित्यक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
श्री पटैरिया जी ने भाषा में पर्याप्त सफाई लाने का प्रयास किया है; उसमें बोधगम्यता और प्रवाह की भी कमी नहीं। जहाँ एक ओर ब्रजभाषा एवं संस्कृत के शब्दों के प्रयोग से वाक्य विन्यास में लालित्य आया है वहाँ दूसरी ओर लोकोक्तियों एवं भाव संप्रेष्य अलंकारों के योग से श्रीवृद्धि हुई है। उनकी भाव-योजना भी मौलिकता से रहित नहीं, उसमें विभिन्न भावों के मध्य विचारों का एक अर्न्तद्वन्द्व भी निहित है और रस पूर्ण परिपाक भी।