साहित्यवारिधि श्री रामचरण हयारण ‘मित्र’
September 16, 2024डॉ. मुंशीलाल पटैरिया ‘शशिधर’
September 16, 2024जन्म – 23 जुलाई सन् 1907 ई.
जन्म स्थान –
जीवन परिचय – स्वातन्त्र्य चेतना के प्रदाता राष्ट्रीय कवि श्री भगवानदास ‘बालेन्दु’ का जन्म 23 जुलाई सन् 1907 ई. को प्रात: 6:14 बजे हुआ था। इनके पिता स्वनामधन्य पं. ब्रजगोपाल अरजरिया थे। दैव दुर्विपाक से बालेन्दुजी को शैशवावस्था में ही मातृ-वियोग का आघात सहन करना पड़ा। इनकी बाल्यकाल से ही काव्य-सृजन की प्रवृत्ति हो गयी है। बालेन्दु जी अनेक वर्षों तक हमीरपुर जिला किसान संघ के अध्यक्ष तथा जिला कांग्रेस हमीरपुर के महामन्त्री और अध्यक्ष रहे। इनके तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं। किरण नामक काव्य संग्रह 1938 में प्रकाशित हुआ था उसकी भूमिका में श्री कृष्णदेव प्रसाद गौड़ ने इनके राष्ट्र प्रेम की ओर संकेत करते हुए लिखा है –
”किरण आपके सामने है कोई पन्ना उठाकर देख लीजिए। दो चार पन्ना पढ़ने पर पता चल जाएगा कि बालेन्दु जी का हृदय देश की पीड़ा से स्पन्दित और देश प्रेम से ओत-प्रोत है।”
कविवर बालेन्दु जी ने स्वातन्त्र्य-समर के समय भावाभिसिक्त प्रखर काव्य-प्रतिभा से युक्त जिस वीर रसोचित काव्य का प्रणयन किया है उसने समाज में राष्ट्रीयता की प्रखर अभिवृद्धि की है। उनके ऐसे प्रेरणाप्रद काव्य को दृष्टि में रखते हुए ही सन् 1933 में काशी के विद्वद्समाज ने बालेन्दु जी को कवि-केसरी की उपाधि से विभूषित किया था।