जीवन परिचय – स्वातन्त्र्य चेतना के प्रदाता राष्ट्रीय कवि श्री भगवानदास ‘बालेन्दु’ का जन्म 23 जुलाई सन् 1907 ई. को प्रात: 6:14 बजे हुआ था। इनके पिता स्वनामधन्य पं. ब्रजगोपाल अरजरिया थे। दैव दुर्विपाक से बालेन्दुजी को शैशवावस्था में ही मातृ-वियोग का आघात सहन करना पड़ा। इनकी बाल्यकाल से ही काव्य-सृजन की प्रवृत्ति हो गयी है। बालेन्दु जी अनेक वर्षों तक हमीरपुर जिला किसान संघ के अध्यक्ष तथा जिला कांग्रेस हमीरपुर के महामन्त्री और अध्यक्ष रहे। इनके तीन काव्य संग्रह प्रकाशित हुए हैं। किरण नामक काव्य संग्रह 1938 में प्रकाशित हुआ था उसकी भूमिका में श्री कृष्णदेव प्रसाद गौड़ ने इनके राष्ट्र प्रेम की ओर संकेत करते हुए लिखा है –
”किरण आपके सामने है कोई पन्ना उठाकर देख लीजिए। दो चार पन्ना पढ़ने पर पता चल जाएगा कि बालेन्दु जी का हृदय देश की पीड़ा से स्पन्दित और देश प्रेम से ओत-प्रोत है।”
कविवर बालेन्दु जी ने स्वातन्त्र्य-समर के समय भावाभिसिक्त प्रखर काव्य-प्रतिभा से युक्त जिस वीर रसोचित काव्य का प्रणयन किया है उसने समाज में राष्ट्रीयता की प्रखर अभिवृद्धि की है। उनके ऐसे प्रेरणाप्रद काव्य को दृष्टि में रखते हुए ही सन् 1933 में काशी के विद्वद्समाज ने बालेन्दु जी को कवि-केसरी की उपाधि से विभूषित किया था।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।