प्रवीण कविराय
July 16, 2024खुमान कवि
July 16, 2024गुमान मिश्र
जन्म – सं. १७८० वि.
कविता काल – सं. १८००-१८५० वि.
जीवन परिचय
ग्रन्थ – गुलाल चन्द्रोदय, छंदाटवी अलंकार दर्पन, कृष्ण चंद्रिका।
गुमान मिश्र का जन्म बुंदेलखंड में पं. गोपाल मणि मिश्र के यहाँ हुआ था। आप महोबा के निवासी थे। और प्रकाण्ड पंडित, भाषा ज्ञाता थे। आपने हर्षकृत नैषद महाकाव्य का अनुवाद किया था। आपकी रचना छन्दोबद्ध और अलंकार युक्त है।
“न्हारी जहाँ सुनयना नित वावली में,
छूटे उरोजतल कुंकुम नीर ही में।
श्रीखंड चित्र दृग-अंजन संग बाजै
मानौ त्रिवेनि नित ही घर ही विराजै।”
और –
“धाम औ धरा कौ माल बाल अबला को अरि,
तजि परान राह चहत परान की।
सैयद समथ्य भूप अली अकबर दल
चलत बजाय मोरु दुंदभी धुकान की।
फिरि-फिरि फननु फनसि उलटतु ऐसे,
चोली खोलि ढौली ज्यों तमोली पाके पान की।”