ललितपुर में स्टेशन रोड़ पर स्थित क्षेत्रपालजी वस्तुतः एक प्राचीन क्षेत्र ही है जहाँ 12वीं शताब्दी से लेकर वर्तमान तक की अगणित तीर्थकर मूर्तियाँ अत्यन्त कलात्मक एवं भव्य हैं। एक विशाल परकोटे में तेरह जिनालय हैं प्रवेश करते ही सामने संवत् 1243 की प्रतिष्ठित 4 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा तीर्थंकर अभिनन्दन नाथ की विद्यमान है, नीचे यहीं क्षेत्रपालजी की स्थापना है। बरामदे के स्तम्भ पर चन्द्रप्रभु की प्राचीन मूर्ति है। मंदिर संख्या 3 में वि.सं. 1223 की श्वेत पाषण प्रतिमा है।
पुरातत्व
क्षेत्र पर स्थित भोंयरे (भू-गृह) में पाषाण भित्ति में ही अनेक जिन बिम्ब न केवल प्राचीन हैं वरन् सुन्दर भी हैं। पार्श्वनाथ स्वामी की 6 फुट ऊँची खड़गासन मूर्ति चट्टान में ही उकरी है। बाहुबलि स्वामी की मूर्ति सचमुच मनोहारी है। कुल 12 तीर्थंकर और 35 शासन देवताओं की मूर्तियाँ भू गृह में दर्शनीय हैं।
मंदिरों के पूर्व क्रम में आठवें जिनालय में वि.सं. 1706 की 7 फुट ऊँची पार्श्वनाथ की खड़गासन प्रतिमा के प्रतीक नाग के सात फणों युक्त वाला यह बिम्ब अत्यन्त ओजपूर्ण है। वर्तमान में भी इस क्षेत्र में अनेक आकर्षक जिन बिम्बों की स्थापना की जा चुकी है। उत्तुंग मानस्तम्भ क्षेत्र प्रांगण में अवस्थित हैं। धर्म शालाओं की उत्तम व्यवस्था है। उदासीन आश्रम और सभागृह भी विद्यमान हैं। क्षेत्र से संलग्न प्रांगण में प्रतिष्ठित श्रीवर्णी जैन कॉलेज है जिसका इस सम्पूर्ण जनपद में अपना उल्लेखनीय गौरव है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।