उपन्यास – कच्ची ईंट बाबुल देरी न दइयो , तेंदू के पत्ता में देवता , मोए लै चल बलम रेता में। महेंद्र कुमार फुसकेले ने अपने उपन्यासों में नारी व्यथा की कथा के साथ मानवीय अवधारणाओं का खुलासा किया है। मैं तो ऊँसई अतर में भींजी, फूलवन्ती और मालती अपूर्ण उपन्यास।
कहानी संग्रह – कबूला, आत्महन्ता का पुरुष
बाल कहानी संग्रह – घूम री पृथ्वी घूम घूम
निबंध संग्रह – दशांग, प्रकाशन्तर, दधिसार, तीर्थंकर महावीर : एक अध्ययन
काव्य संग्रह – स्त्री तेरे हजार नाम ठहरे
मार्क्सवादी विचारधारा, दर्शन और सिद्धांन्तों के आदर्शों के अनुशीलन में संलग्न श्री फुसकेले का उपन्यास कच्ची ईंट बाबुल देरी न दइयो बहुचर्चित उपन्यास है जिसमें लोक-गीत की भावना का प्रदर्शन हुआ है उपन्यासकार महेन्द्र कुमार फुसकेले ने बुन्देलखण्डी समाज में नव विवाहिता के साथ नये परिवारी जनों द्वारा किया गया व्यवहार और उसकी दशा को आधार मानकर उसकी व्यथा का चित्रण किया है। उपन्यास की भाषा, भाव शैली तथा सम्वाद सब कथानक के अनुरूप हैं। वे प्रगतिशील लेखक संघ की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष मंडल के सदस्य और इकाई के संस्थापक संरक्षक रहे। 12 अक्टूबर 2021 को उनका निधन हो गया।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।