वर्तमान पता – 940 बी, सिविल लाइन्स, झाँसी (उ.प्र.)
पति – मोहन जी
उपन्यास – ययाति कन्या, माधवी प्रकाशन वर्ष 2016 ई.
निरूपमा जी का यह प्रथम उपन्यास है। जो सन् 2016 ई. को प्रकाशित हुआ। इसके विषय में संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है- यह एक प्राचीन पौराणिक घटनाप्रधान उपन्यास है। इसकी नायिका “माधवी है। जो हस्तिनापुर सम्राट ययाति की पुत्री है। यह एक मराठी लेखिका श्रीमती विजया जहाँगीरदार के उपन्यास “ययाति कन्या माधवी’ का भावानुवाद है। इसकी कथावस्तु प्राचीन ऋषि व सम्राटों के आख्यानों पर निर्मित है। महर्षि विश्वामित्र ने अपने शिष्य गालव ऋषि से गुरूदक्षिणा के रूप में आठ सौ शुभ वर्ण एवं श्यामकर्ण अश्वों को देने को कहा। जिसकी पूर्ति हेतु गालव ऋषि हस्तिनापुर महाराज नहुष-पुत्र ययाति से याचना करते हैं और ऐसे आठ अश्व प्राप्त करते हैं। किन्तु ययाति शेष अश्वों की प्राप्ति हेतु अपनी सौन्दर्यवती, चारूगोत्री पुत्री माधवी को सौंप इसके द्वारा महाराजाओं से शेष अश्वों की पूर्ति शाप से बचते हैं।
माधवी इस प्रकार अयोध्या, काशी, भोजनगर के महाराजाओं को पुत्र प्राप्ति कराती है। शेष बचे अश्वों की पूर्ति हेतु गुरू विश्वामित्र को मुनि गालब माधवी को सौंप देते हैं। अंत में विश्वामित्र से विमुक्त हो माधवी अपने पिता ययाति के पास लौटती है। किन्तु क्लांत, विश्रांत जीवन से विमुख वह ऋषि गालव के पास अंततः चली जाती है। यह सम्पूर्ण कथा बड़े ही कौशल से गढ़ी गई है। यह सम्पूर्ण कथा 90 पर्वों में वर्णित है। इस पूरी कथा में नारी अपने स्वत्व, अस्मिता के विवर्तों के विम्बों में चलती ‘गुरूदक्षिणा’ की पूर्ति की वस्तु बनने को असहाय होती है। उपन्यास के संवाद प्रभाव कारी हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।