वीरेन्द्र जैन
September 23, 2024निरुपमा मोहन जी
September 23, 2024जन्म – 1 दिसम्बर 1955 ई.
जन्म स्थान – ग्राम बड़वारा, देवेन्द्र नगर, पन्ना
जीवन परिचय – समकालीन हिन्दी गद्य में स्वातंत्र्योत्तर काल के साहित्य में नवीन रचनाशीलता के द्वार खुल रहे थे। बुन्देलखण्ड में उपन्यास लेखन के क्षेत्र में उत्तरोत्तर प्रगति के प्रमिमान निर्मित हो रहे थे। डॉ. सुरेश पराग इस कालावधि के प्रतिनिधि उपन्यासकार बने। आपकी रचनाशीलता में विविध आयाम देखने को मिलते हैं।
आलेख-व्यंग्य लेख – हम काए लिखत
कहानी – चुटकी भर रेत , अनोखी बगिया
व्यंग्य नाटिका – लाल बत्ती गाड़ी आदि
उपन्यास – पुनर्मिलन , पतवार
पुनर्मिलन – एक सामाजिक प्रणय कथा है। जिसमें प्रेम की पीर के साथ प्रेमी-प्रेमिका के सम्बन्धों के विभिन्न अक्स प्रतिबिंबित हैं।
पतवार – डॉ. सुरेश पराग का यह एक अन्य उपन्यास हैं- इसकी कथावस्तु बाल विवाह और प्रणय पर आधारित है। इसमें कच्ची उम्र में बच्चा पैदा न करने पर सीख दी गई है। पत्नी तो इस आयु में बच्चे को प्राप्त कर खुश हैं। परन्तु शिक्षित पति बाल विवाह और ऐसे में संतान प्राप्ति से पत्नी के विचारों से सहमत नहीं है। इसी सब में उपन्यास के चित्रण हैं।
डॉ. सुरेश पराग हिन्दी साहित्य के जाने माने लेखक व कवि-कोविद हैं।