सुरेन्द्र कुमार नायक
September 23, 2024डॉ. सुरेश पराग
September 23, 2024जन्म – 5 सितम्बर 1955 ई.
जन्म स्थान – ग्राम सिरसौंध, राजघाट, चिरगांव, झाँसी
जीवन परिचय – वास्तव में वीरेन्द्र जैन का सिरसौंध गाँव बेतवा नदी पर राजघाट बाँध बनने से डूब गया था। अतएव आपका उपन्यास ‘डूब’ इसी आधार पर लिखा गया है।
उपन्यास – आपने अनेक उपन्यासों को लिखा है जो प्रकाशित हैं।.
- अनातीत 1983 ई. , शब्द वध 1983 ई. , सबसे बड़ा सिपहिया 1988 ई. , डूब 1991 ई. , पंचनामा 1996 ई.
वीरेन्द्र जैन के उपन्यासों में जीवन की विविधता है। आपका लिखा उपन्यास डूब यथार्थता पर आधारित विस्थापितों के दुःख-दर्द की कहानी है। कैसे एक पैतृिक गाँव की बसी बसाई गृहस्थी बाँध के निर्माण से जल समाधि में लीन हो जाती है। इसमें सैकड़ों गाँव डूब जाते हैं। यहाँ के निवासी अपने उजड़े आशियानों को छोड़ अन्यत्र जा बसने को विवश हो जाते हैं। इस उपन्यास में नव-निर्माण में नवीन सृजन के विम्ब देखने को मिलते हैं। ‘डूब’ उपन्यास विस्थापितों की त्रासदी का एक वास्तविक दस्तावेज है। इसमें मानवीय संवेदनाओं और मनोदशा का सटीक चित्रण उपन्यासकार ने किया है। उपन्यास की भाषा सरल, भावनात्मक रूप में हिन्दी है। इसके पात्र क्षेत्रीय परिवेश के हैं। सम्वाद पात्रानुसार हैं। इसी प्रकार वीरेन्द्र जैन अपने अन्य उपन्यासों में भी आज की व्यवस्थाओं पर चोट करते हैं।