जन्म स्थान – ग्राम सिरसौंध, राजघाट, चिरगांव, झाँसी
जीवन परिचय – वास्तव में वीरेन्द्र जैन का सिरसौंध गाँव बेतवा नदी पर राजघाट बाँध बनने से डूब गया था। अतएव आपका उपन्यास ‘डूब’ इसी आधार पर लिखा गया है।
उपन्यास – आपने अनेक उपन्यासों को लिखा है जो प्रकाशित हैं।.
अनातीत 1983 ई. , शब्द वध 1983 ई. , सबसे बड़ा सिपहिया 1988 ई. , डूब 1991 ई. , पंचनामा 1996 ई.
वीरेन्द्र जैन के उपन्यासों में जीवन की विविधता है। आपका लिखा उपन्यास डूब यथार्थता पर आधारित विस्थापितों के दुःख-दर्द की कहानी है। कैसे एक पैतृिक गाँव की बसी बसाई गृहस्थी बाँध के निर्माण से जल समाधि में लीन हो जाती है। इसमें सैकड़ों गाँव डूब जाते हैं। यहाँ के निवासी अपने उजड़े आशियानों को छोड़ अन्यत्र जा बसने को विवश हो जाते हैं। इस उपन्यास में नव-निर्माण में नवीन सृजन के विम्ब देखने को मिलते हैं। ‘डूब’ उपन्यास विस्थापितों की त्रासदी का एक वास्तविक दस्तावेज है। इसमें मानवीय संवेदनाओं और मनोदशा का सटीक चित्रण उपन्यासकार ने किया है। उपन्यास की भाषा सरल, भावनात्मक रूप में हिन्दी है। इसके पात्र क्षेत्रीय परिवेश के हैं। सम्वाद पात्रानुसार हैं। इसी प्रकार वीरेन्द्र जैन अपने अन्य उपन्यासों में भी आज की व्यवस्थाओं पर चोट करते हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।