जीवन परिचय – प्रेमचंदोत्तर काल के उपन्यास साहित्य में सामाजिक पुनर्जागरण, नव-सृजन व नव-निर्माण की प्रस्थापना हुई है। इस काल के उपन्यासकारों की एक विस्तृत सूची है। रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ इस काल के अग्रणी उपन्यास लेखक हैं। रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ का जन्म बुन्देलखण्ड के जबलपुर (म.प्र.) में हुआ। आपकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय स्कूल, कालेजों हुई। जहाँ आपको राष्ट्र और समाज के विभिन्न रूपों का अनुभव हुआ। जो बाद में आपके साहित्य सृजन के आधार बने ।
साहित्य सृजन – रामेश्वर शुक्ल ‘अंचल’ का हिन्दी साहित्य का अवदान अपने समाज की स्थिति, सांस्कृतिक संदर्भों में रूपायित हुआ है। आपके प्रकाशित उपन्यासों में इन सब के विविध अक्स परिलक्षित होते हैं। आपके उपन्यास इस प्रकार हैं- चढ़ती धूप- 1945 ई. , नई इमारत – 1946 ई. , उल्का- 1947 ई. , मरू प्रदीप- 1951 ई.
आपके उपन्यासों में सामाजिक जीवन में परिवर्तन और क्रांति की प्रेरणा है। समाज, संस्कृति और राजनीतिक संदर्भ, समकालीन परिवेश के अन्यान्य पक्षों का चित्रण है। आपके उपन्यासों की भाषा शुद्ध हिन्दी है। शैली प्रभावशाली है। पात्र कथानक के अनुरूप हैं। संवाद कथानकानुसार गढ़े गये हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।