श्री हरसेवक द्विवेदी
September 16, 2024विद्यावारिधि पं. द्वारिकेश मिश्र
September 16, 2024जन्म – 15 जून सन् 1922 ई.
जन्म स्थान – ग्राम सलेमपुर (जिला-मथुरा)
रचना – प्रसाधिनी (गीत संग्रह), गजल (संग्रह), महाभारत (महाकाव्य)
जीवन परिचय – सुकवि जगदीश झा का जन्म मैथिल – ब्राह्मण परिवार में ग्राम सलेमपुर (जिला-मथुरा) में सन् 1922 ई. में 15 जून को हुआ था। इनके पिता स्व. मोहनलाल झा ‘मोहन’ साहित्य भूषण एक उच्च कोटि के कवि थे। आपका वर्तमान निवास स्थान 39, कैलाश मन्दिर नगरा, झाँसी है। आपने विद्यालयी शिक्षा मात्र हाईस्कूल तक प्राप्त की; किन्तु ज्ञानार्जन की विशेष प्रवृत्ति होने के कारण आपने घर पर ही उर्दू, मराठी, गुजराती, बंगाली, संस्कृत इत्यादि अनेक भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया। श्री जगदीश जी ने सन् 1935 से ही काव्य सृजन प्रारम्भ कर दिया था। आपने निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की है जो अभी अप्रकाशित ही हैं –
(1) प्रसाधिनी (गीत संग्रह)
(2) गजल (संग्रह)
(3) महाभारत (महाकाव्य)
कविवर जगदीश जी रेलवे के अवकाश प्राप्त कर्मचारी हैं। इनकी रचनाएँ समय – समय पर हिन्दुस्तान, धर्मयुग एवं सरिता प्रभृति पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं तथा उनका प्रसारण देहली, लखनऊ एवं छतरपुर आकाशवाणी से भी हुआ है।
इन्हें कवि सम्मेलनों में समस्या पूर्ति हेतु अनेक बार प्रथम स्थान एवं पदक प्राप्त हुए हैं तथा अखिल भारतीय मैथिल सभा दरभंगा ने इनकी साहित्य सेवाओं के लिए इन्हें स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया है।
सुकवि ‘जगदीश’ जी के गीतों में अत्यन्त आत्मीयता, चुभन और वेदना है जो वियोगियों की जानी – पहचानी प्रतीति है। उनमें करूण रस का पूर्ण परिपाक हुआ है। शायद ही वियोगियों का कोई भाव या चेष्टा ऐसी हो जिसकी ओर उनका ध्यान न गया हो और उसका सूक्ष्म पर्यवेक्षण उन्होंने प्रस्तुत न किया हो।