रचना – प्रसाधिनी (गीत संग्रह), गजल (संग्रह), महाभारत (महाकाव्य)
जीवन परिचय – सुकवि जगदीश झा का जन्म मैथिल – ब्राह्मण परिवार में ग्राम सलेमपुर (जिला-मथुरा) में सन् 1922 ई. में 15 जून को हुआ था। इनके पिता स्व. मोहनलाल झा ‘मोहन’ साहित्य भूषण एक उच्च कोटि के कवि थे। आपका वर्तमान निवास स्थान 39, कैलाश मन्दिर नगरा, झाँसी है। आपने विद्यालयी शिक्षा मात्र हाईस्कूल तक प्राप्त की; किन्तु ज्ञानार्जन की विशेष प्रवृत्ति होने के कारण आपने घर पर ही उर्दू, मराठी, गुजराती, बंगाली, संस्कृत इत्यादि अनेक भाषाओं का ज्ञान अर्जित कर लिया। श्री जगदीश जी ने सन् 1935 से ही काव्य सृजन प्रारम्भ कर दिया था। आपने निम्नलिखित ग्रन्थों की रचना की है जो अभी अप्रकाशित ही हैं –
(1) प्रसाधिनी (गीत संग्रह)
(2) गजल (संग्रह)
(3) महाभारत (महाकाव्य)
कविवर जगदीश जी रेलवे के अवकाश प्राप्त कर्मचारी हैं। इनकी रचनाएँ समय – समय पर हिन्दुस्तान, धर्मयुग एवं सरिता प्रभृति पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं तथा उनका प्रसारण देहली, लखनऊ एवं छतरपुर आकाशवाणी से भी हुआ है।
इन्हें कवि सम्मेलनों में समस्या पूर्ति हेतु अनेक बार प्रथम स्थान एवं पदक प्राप्त हुए हैं तथा अखिल भारतीय मैथिल सभा दरभंगा ने इनकी साहित्य सेवाओं के लिए इन्हें स्वर्ण पदक प्रदान कर सम्मानित किया है।
सुकवि ‘जगदीश’ जी के गीतों में अत्यन्त आत्मीयता, चुभन और वेदना है जो वियोगियों की जानी – पहचानी प्रतीति है। उनमें करूण रस का पूर्ण परिपाक हुआ है। शायद ही वियोगियों का कोई भाव या चेष्टा ऐसी हो जिसकी ओर उनका ध्यान न गया हो और उसका सूक्ष्म पर्यवेक्षण उन्होंने प्रस्तुत न किया हो।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।