श्री श्यामाकान्त पाराशर
September 17, 2024श्री ईश्वरचन्द्र मिश्र
September 17, 2024जन्म – 4 अप्रैल 1951
जन्म स्थान – ग्राम धंजा तहसील कोंच (जिला जालौन)
जीवन परिचय – श्री मलखानसिंह शाक्यवार का जन्म ग्राम धंजा तहसील कोंच (जिला जालौन) में 4-4-1951 को हुआ था। इनके पिता स्व. ललई शाक्यवार थे। इन्होंने इण्टरमीडिएट तक शिक्षा प्राप्त की है। आप संप्रति उ.प्र. सरकार की सेवा में रत हैं। श्री मलखानसिंह का प्रारंभिक कविता काल लगभग 1969 ई. है। इनके अप्रकाशित काव्य ग्रंथ इस प्रकार हैं- (1) श्री कृष्ण महिमा (खण्डकाव्य) (2) कुंडलियाँ (3) मुक्तक संग्रह (4) फुटकर काव्य संग्रह इत्यादि।
आपकी प्रकाशित कविताओं में झाँसी का ध्वस्त दुर्ग, सन्त कवि सूर, इन्द्रकोप एवं शूली से अब प्यार कर लिया प्रभृति लोकप्रिय हैं। शाक्यवार जी की रचनाओं में शृंगार एवं हास्य रस का पूर्ण परिपाक हुआ है। आपने ब्रज एवं खड़ी बोली में कविता सवैया एवं कुंडलिया छन्दों का सफल प्रणयन किया है। इसके साथ ही गीत और गजलों की भी रचना की है। आपके काव्य का आकाशवाणी छतरपुर एवं मथुरा से अनेक बार प्रसारण भी हो चुका है। शाक्यवार जी ने भक्ति, नीति, प्रकृति अनेक विषयों पर अपनी लेखनी चलाकर मुक्तक एवं प्रबंध काव्य का प्रणयन किया है। उन्होंने प्रकृति का आलंबन रूप में सजीव चित्रण किया है जो प्रतीकात्मक एवं मानवीकरण युक्त है।