जीवन परिचय – सुकवि श्यामाकान्त पाराशर का जन्म ब्राह्मण कुल में ग्राम रमैयापुरा (झाँसी) में सन् 1950 के अगस्त माह की 18 तारीख को हुआ था। आपके पिता स्व. रघुवीर सहाय पाराशर थे। आपने एम.ए. एलएल. बी. तथा आयुर्वेदरत्न, साहित्यरत्न इत्यादि परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं। संप्रति आप शिक्षक के पद पर हाईस्कूल में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। बाल्यकाल से ही आपकी प्रवृत्ति काव्य रचना की ओर हो गयी थी। आपने राष्ट्रीय मुक्तावली, मानव चरित्र, धर्म का रूप, आदि और अन्त, चार कृतियों का प्रणयन किया है। जब भी मेरे तन रौद्र जगा, वैरी के लोहू से गाढ़ा हिन्द देश का पानी है, नैतिकता कर गई पलायन इत्यादि आपकी प्रमुख कविताएँ हैं।
आपका विचार है उनकी बचपन से ईश्वर के प्रति अडिग आस्था हो गयी थी इसी का परिणाम है कि कानून की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी आप अध्यापन कार्य करते हुए सादगी से जीवन यापन कर रहे हैं। पाराशर जी कांग्रेस एवं समाज सेवा के कार्यों में भी रुचि लेते रहे हैं। आजकल आप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से जिला प्रशिक्षक प्रभारी पद पर हैं। साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के महामन्त्री के रूप में भी सक्रिय योग दे रहे हैं।
श्री श्यामाकान्त पाराशर जी की भाषा के सरलता, बोध गम्यता और स्पष्टता तथा प्रवाह प्रमुख गुण हैं। उन्होंने समाजोचित राष्ट्र प्रेम एवं मानव कल्याणकारी विषयों को अपनी काव्याभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है जिसमें उनकी अन्तश्चेतना अक्षर सम्बद्ध हो प्रकट हुई है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।