श्री एच. एस. हैकिट ‘राज’
September 17, 2024श्री मलखानसिंह शाक्यवार
September 17, 2024जन्म – 18 अगस्त सन् 1950
जन्म स्थान – ग्राम रमैयापुरा (झाँसी)
जीवन परिचय – सुकवि श्यामाकान्त पाराशर का जन्म ब्राह्मण कुल में ग्राम रमैयापुरा (झाँसी) में सन् 1950 के अगस्त माह की 18 तारीख को हुआ था। आपके पिता स्व. रघुवीर सहाय पाराशर थे। आपने एम.ए. एलएल. बी. तथा आयुर्वेदरत्न, साहित्यरत्न इत्यादि परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं। संप्रति आप शिक्षक के पद पर हाईस्कूल में अध्यापन कार्य कर रहे हैं। बाल्यकाल से ही आपकी प्रवृत्ति काव्य रचना की ओर हो गयी थी। आपने राष्ट्रीय मुक्तावली, मानव चरित्र, धर्म का रूप, आदि और अन्त, चार कृतियों का प्रणयन किया है। जब भी मेरे तन रौद्र जगा, वैरी के लोहू से गाढ़ा हिन्द देश का पानी है, नैतिकता कर गई पलायन इत्यादि आपकी प्रमुख कविताएँ हैं।
आपका विचार है उनकी बचपन से ईश्वर के प्रति अडिग आस्था हो गयी थी इसी का परिणाम है कि कानून की शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी आप अध्यापन कार्य करते हुए सादगी से जीवन यापन कर रहे हैं। पाराशर जी कांग्रेस एवं समाज सेवा के कार्यों में भी रुचि लेते रहे हैं। आजकल आप अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से जिला प्रशिक्षक प्रभारी पद पर हैं। साथ ही जिला कांग्रेस कमेटी के महामन्त्री के रूप में भी सक्रिय योग दे रहे हैं।
श्री श्यामाकान्त पाराशर जी की भाषा के सरलता, बोध गम्यता और स्पष्टता तथा प्रवाह प्रमुख गुण हैं। उन्होंने समाजोचित राष्ट्र प्रेम एवं मानव कल्याणकारी विषयों को अपनी काव्याभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है जिसमें उनकी अन्तश्चेतना अक्षर सम्बद्ध हो प्रकट हुई है।