श्री जमुनाप्रसाद सरगैंयाँ
September 17, 2024श्री मेघराजसिंह कुशवाहा
September 17, 2024जन्म – 10 नवम्बर सन् 1922
जन्म स्थान – ललितपुर
जीवन परिचय – कविवर श्री मोतीलाल त्रिपाठी ‘अशान्त’ का जन्म ललितपुर में सन् 1922 में 10 नवम्बर को हुआ था। प्रारम्भिक जीवन के संघर्षों ने उन्हें स्वावलम्बी बनाया और उन्होंने 1948 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक, तदनन्तर 1951 में नागपुर विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर परीक्षा उत्तीर्ण की। छात्र जीवन से ही काव्य की अनेक विधानों की ओर रुचि रही है।
आपके सम्पादक रूप का परिचय अमर वाणी, राजा बेटा, दैनिक प्रभात, नई कहानियाँ, वीणा वादिनि, तुलसी पत्रिका आदि अनेक पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से होता है। आपने चित्रपट जगत को अनेक फिल्मों के संवाद एवं गीत प्रदान किये हैं। आपने निम्नलिखित कृतियों का प्रणयन किया है –
(1) काव्य-दिल्ली चलो, बापू का बलिदान, चेतना के गीत, बंग बलिदान, रश्मियाँ, छत्रसाल
(2) कहानी – सप्त लहर, नई कहानियाँ, कला और जिन्दगी।
(3) उपन्यास- नई झलक।
(4) निबन्ध – परिचय प्रबोध, झाँसी दर्शन, बुन्देलखण्ड दर्शन।
अशांत जी की कृति खण्डकाव्य ‘दिल्ली चलो’ भारतीय स्वातंत्र्य की झलक से प्लावित है, जिसमें राष्ट्रीय चेतना की उन्मुक्त प्ररणा है। उनके गीति काव्य ‘चेतना के गीत’ की भावोक्तियाँ प्रेरणाप्रद मार्मिक तथा सरस हैं इसमें कवि को मध्यम वर्ग के संघर्षों को चित्रित करने में विशेष सफलता मिली है। आपके “नई झलक” नामक उपन्यास में भारत की अभिशप्त विधवा की करुण चीत्कार है उसकी अन्तर्व्यथाओं का मार्मिक प्रत्यक्षीकरण है जो कवि के सूक्ष्म निरीक्षण, भावुकता तथा संवेदन शीलता की परिचायक है।