जीवन परिचय – कवि श्रेष्ठ ओमप्रकाश सक्सेना ‘प्रकाश’ का जन्म झाँसी में 22-3-1933 ई. को महाशिवरात्रि के दिन हुआ था। इनके पिता स्व. महेश्वर दयाल थे। इनका वर्तमान निवास स्थान 107/1 पुरानी नझाई है। इण्टरमीडिएट एवं ‘आयुर्वेदरत्न’ की परीक्षाएँ उत्तीर्ण की हैं। प्रकाश जी ने काव्य सृजन को हो अपने व्यवसाय का माध्यम बनाया है। आपकी संगीत में भी रुचि है। ओम प्रकाश जी का प्रारम्भिक रचनाकाल सन् 1945 है। आपकी ‘देश की पुकार’ एवं’ रणभेरी’ नामक काव्य कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं तथा ‘बुन्देली प्रकाश’ प्रकाशनाधीन है।
प्रकाश जी ने बुन्देली फाग – साहित्य में विशेष ख्याति प्राप्त की है। आपने बुन्देली के अतिरिक्त खड़ी बोली एवं उर्दू में भी काव्य सृजन किया है। साथ ही बन्दा नवाज फिल्मों के लिए गीत भी लिखे हैं।
प्रकाश जी की बुन्देली प्रसाद एवं माधुर्य गुण मिश्रित है, उनका शब्द चयन एवं वाक्य विन्यास लालित्य पूर्ण है। श्रृङ्गार वर्णन में तो बुन्देली के कवियों में वे बेजोड़ दिखलाई देते हैं। मौलिक उद्भावनाओं की उनमें कमी नहीं है। उन्होंने नायिकाओं के सौन्दर्य एवं अङ्ग प्रत्यंग का बड़ी बारीकी से चित्रण किया है। बुन्देली नायिकाओं की एक-दो चेष्टा और क्रिया से वे पूर्ण परिचित से प्रतीत होते हैं। उन्होंने काव्योत्कर्ष के प्रवर्द्धन हेतु लोकोक्ति, उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा एवं संदेह प्रभृति अलंकारों का आश्रय लिया है जिससे उनकी कविता में चार चाँद लग गये हैं, वे सर्वत्र भावोत्कर्ष की वृद्धि में सहायक हैं। कहीं भी भार स्वरूप अथवा ऊपर से थोपे हुए प्रतीत नहीं होते। आपको उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा साहित्य सेवा के लिये मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।