
जन-जीवन
September 16, 2024कवि-केसरी श्री भगवानदास ‘बालेन्दु’
September 16, 2024जन्म – 1 अप्रैल सन् 1904 ई. में
जन्म स्थान – झाँसी
जीवन परिचय – लब्ध प्रतिष्ठ साहित्यकार कविवर श्री रामचरण हयारण ‘मित्र’ का जन्म झाँसी में सन् 1904 ई. में 1 अप्रैल को हुआ था। उनके पिता स्वनामधन्य स्वर्गीय जगन्नाथ हयारण थे। सन् 1924 में गणेश शंकर विद्यार्थी के ‘स्वतन्त्रता प्राप्ति के लिए विद्यार्थियों स्कूल छोड़ो’ इस आह्वान पर मित्रजी ने विद्यालय की शिक्षा का त्याग कर दिया था। ‘मित्र’ जी निम्नलिखित कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं –
भेंट – इस काव्य-संग्रह में उनकी स्वतन्त्रता प्राप्ति के पूर्व की राष्ट्रीय चेतना पूर्ण कविताओं का संग्रह है।
सरसी – इस काव्य-कृति में अनेक राष्ट्रीय एवं सामाजिक सशक्त रचनाओं का संचय है। प्रकृति का भी इसमें आलंबन रूप में सजीव वर्णन हुआ है।
साधना – इसमें ‘मित्र’ जी के आध्यात्मिक विचारों को वाणी मिली है। यह उनकी चिंतन प्रधान काव्य रचना है।
ओरछा दर्शन – इस काव्य में ओरछा नगर, वहाँ के घाटों एवं दुर्ग का तथा प्राकृतिक सुषमा का सजीव एवं विषद चित्रण हुआ है।
लौलैंयाँ – यह बुन्देली का काव्य रत्न है। इसमें प्रेमपूर्ण घरेलू वातावरण एवं ग्राम्य जीवन की परम्पराओं का बड़ी तन्मयता के साथ सटीक चित्रण किया गया है।
लोकगायनी – यह बुन्देली में रचित गीति काव्य है। इसमें श्रृंगार, वीर, एवं शांत रस का पूर्ण परिपाक हुआ है।
गीता-दर्शन – यह श्रीमद्भगवद्गीता का रस पद्यानुवाद है जिसमें कवि मूल भाव से कहीं भी विचलित नहीं हुआ है।