क्र. | राशि का नाम | स्वामी | मूलांक | शारीरिक अंग | रत्न | वृक्ष या पौधा | रोग | पहचान |
1 | मेष (Aries) | मंगल | 1, 8 | सिर | मूंगा | अशोक, पलाश, आंवला, रातरानी, मनीप्लांत्ट | नेत्र, मुख, सिरदर्द, मानसिक तनाव, अनिद्रा | मानसिक तनाव एवं अनिद्रा |
2 | वृषभ (Taurus) | शुक्र | 2,7 | मुख | हीरा | जामुन, अमरूद, गूलर, दूर्वा, तुलसी | थायराइ, टॉनसिल, शवांश, आंख, नाक, कान से संबंधित रोग | आंख, नाक, कान, गला से पीडित होते हैं। |
3 | मिथुन (Gemini) | बुध | 3, 6 | भुजा | मोती | शीशम, खेर, अपामार्ज, चंपा, केला | छाती संबंधित रोग, फेंफडे, मज्जा, शवांश, रक्त, संबंधित रोग | हाथों का अधिक इस्तेमाल कलात्मक क्षेत्र होता है। |
4 | कर्क (Cancer) | चंद्रमा | 4 | हृदय | मोती | पीपल, पलाश, चांदनी, गुलाब | हृदय एवं रक्त दोष संबंधित रोग | चटपटा भोजन प्रिय कल्पानाशील समस्या के प्रति सजग |
5 | सिंह (Leo) | सूर्य | 5 | पेट | माणिक | वट-वृक्ष, रूई, चांदनी, गुलाब | पेट, वायु विकार अपच, हड्डी रोग | हड्डी रोग से पीडित, स्वाभिव से संवेदनशील |
6 | कन्या (Virgo) | बुध | 3, 6 | कमर | मोती | बेल, अपामार्ज, मनिप्लांट, अमरूद | जिगर, तिल्ली्, आमाशय, मंदाकिनी, अपच, कमर दर्द | मांसपेशी, फेंफडे, पाचनतंत्र से पीडित |
7 | तुला (Libro) | शुक्र | 2, 7 | कमर के नीचे का भाग | हीरा | अर्जुन, अंजीर, गूलर | मधुमेह, मूत्राशय, प्रदर संबंधित रोग | अस्थमा, एलर्जी, आंत रोगों से पीडित संतुलित जीवन में माहिर |
8 | वृश्चिक (Scorpius) | मंगल | 1, 8 | गुप्तांग | मूंगा | नीम, सेमल, खेर | गुप्तांग, गुप्त रोग, अर्श, भगंदर, संसर्ग, धातु संबंधित रोग | अतरंगी स्वभाव एवं गुप्त रोगों से पीडित |
9 | धनु (Sagittarius) | गुरू | 9, 3 | उरू | पुखराज | कटहल, वटवृक्ष, पीपल, नागचंपा | अस्थि, यकृत, ऋतु विकार, मज्जा, रक्त दोष संबंधित रोग | घुमंतु प्राणी, पार्टी प्रिय, सहनशील, हंसमुख |
10 | मकर (Capricornus) | शनि | 1, 2 | घुटने | नीलम | नारियल, शमी, गेंदा, मोगरा | चर्म, वात, शीत, गैस संबंधित रोग | जीवन में उतार चढाव अधिक, घुटने, हड्डी टूटने का खतरा |
11 | कुम्भ (Aquarius) | शनि | 1, 2 | जंघा | नीलम | आम, कदम्ब, शमी, मोगरा | संक्रमण, शवांश, पेट, नर्वस सिस्टम, संबंधित रोग | जल्दी संक्रमण, टखने, पैर, नर्वस सिस्टम जल्द खराब होना |
12 | मीन (Pisces) | गुरू | 3, 9 | पैर | मोती या पुखराज | मेंहदी, आम, पीपल, गेंदा | चर्म रोग, एलर्जी, गठिया रोग इत्यादि संबंधित रोग | नकारात्मक उर्जा अवशोषक ड्रग्स, नशेडी लिवर संबंधी बीमारी से पीडित |
हमारे बुन्देबलखण्ड में उपर्युक्त राशियों के दुषप्रभावों का निदान भी सम्मुख दिये गये रत्न धारण कर और दान कर या संबंधित वृक्षों या पौधों का रोपण घर या अन्यत्र कर उसकी सम्पूर्ण जीवन, पूजन, सेवा, पानी देख-रेख करने से रोग मुक्ति का उपाय किया जा सकता है। यह कार्य हमारे क्षेत्र को हरा-भरा स्वस्स्थ जीवन प्रदान करता है और पर्यावरण को भी संपोषित करता है। जो दूसरे प्राणियों को भी स्वस्थ व प्रसन्नता से भर देता है।