दतिया नगर के पश्चिम दिशा में पंचम कवि की टौरिया नामक एक पर्वत चोटी है, जिसका नामकरण पंचम कवि के नाम पर किया गया है। विंध्य पर्वत श्रंखला के उत्तरी छोर पर स्थित यह पर्वत शिखर, धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से तो महत्वपूर्ण है ही, एक प्राकृतिक मनोरम स्थल भी है। दूर-दूर तक फैली पर्वत श्रृंखलाएं एवं दतिया नगर का विहंगम् दृश्य हर किसी का मन मोह लेता है। यहाँ का सूर्योदय एवं सूर्यास्त का अनुपम दृश्य पर्यटकों को आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति प्रदान करने वाला है।
यह एक तंत्र साधना स्थली भी है। यहाँ स्वतः प्रकट श्री कालभैरव, श्री हनुमान जी एवं शंकर पार्वती व गणेश की प्रतिमा मूर्त रूप में विराजमान हैं। पीतांबरा पीठ के पीठाधीश्वर श्री स्वामी जी महाराज द्वारा संवत 1997 में माँ तारा देवी की प्राण प्रतिष्ठा कराई गई। माँ तारा देवी 10 महाविद्याओं में से एक प्रमुख देवी हैं, जो शत्रु नाश करने वाली तथा हर क्षेत्र में विजय, यश एवं कीर्ति प्रदान करने वाली हैं। मंदिर में प्रवेश द्वार के समीप माँ काली की प्रतिमा स्थापित है। उनके ठीक सामने छोटे लिंग स्वरूप में शिवजी विराजमान हैं। ऊपर की मंजिल पर प्राचीन शिवालय स्थापित है, जो शिव लहरी भव्य रूप में है। इस मंदिर की देहरी गेट पर मणिभद्र जी द्वारपाल के रूप में हैं। सावन के महीने में साधक गण हजारों की संख्या में यहाँ आते हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।