संत हजारीराम एक महान संत थे, जिन्होंने असहनीय कष्टों को सहकर भी मानव कल्याण हेतु कार्य किए। संत हजारी राम के पूर्वज अखंड भारत भूमि सिंधु-देश (वर्तमान पाकिस्तान) में मुल्तान के निवासी सचदेव क्षत्रिय थे। आपके पिताजी का नाम श्री रतनलाल था। एक दिन संत हजारीराम ने बाढ़ आई नदी की तीव्र जलधारा में छलांग लगा दी। आश्रम के संत वसणाराम की आज्ञा से सेवादारों द्वारा जब उनसे वापस लौटने हेतु प्रार्थना की गई तो वेगवती जलधारा से सूखे बदन और वस्त्रों के साथ दिव्य ज्योति लिए संत हजारीराम प्रकट हुए। आश्रम के संत जी द्वारा बताया गया कि यह वरुण देव द्वारा देव प्रस्तुत ज्योति है, जिसे अखण्ड प्रज्जवलित रहना चाहिए। पहले इस ज्योति को संत हजारीराम जी के जन्म स्थान वर्तमान पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित ग्राम वरदड़े में रखा गया। 1947 में देश विभाजन पर मूल ज्योति दतिया में गाड़ीखाना मार्ग पर संत हजारीराम मंदिर में प्रतिस्थापित की गई। अखंड ज्योति निरंतर 233 वर्षों से प्रज्वलित है, जो कि पूरे हिंदुस्तान में श्रद्धा का केंद्र है। सिंधी समाज की पूज्य संत हजारीराम पंचायत द्वारा प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पक्ष प्रतिपदा एवं द्वितीय तिथि को “ज्योति स्नान” महोत्सव मनाया जाता है जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु एवं संतगण पूरे भारतवर्ष से दतिया शहर में पधारते हैं। दतिया में सिंधी समाज का यह प्रमुख आस्था केन्द्र है।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।