टीकमगढ़ जिले में एक स्थान है ऊमरी जो टीकमगढ़ से बरास्ता बड़ागॉंव धसान सौंजना मार्ग, लगभग 82 किलोमीटर दूर है। यहॉं लगभग दो मीटर ऊँची पीठिका आयताकार पीठिका पर नागर शैली का प्रतीहारकालीन सूर्यमन्दिर है। यह पूर्वाभिमुखी है। तल छंद योजना में, मड़खेरा की भांति गर्भगृह, अंतराल तथा अर्द्धमण्डप है। अर्द्धमण्डप के सामने दो कलात्मक स्तम्भ है। इन पर पत्र युक्त कलश एवं वादकों की प्रतिमायें उत्कीर्ण हैं पीठिका से दो सीढ़ी ऊँचाई पर चढ़कर अर्द्धमण्डप है। प्रवेशद्वार अलंकृत एवं आकर्षक है। सिरदल से मध्य में द्विभुजीसूर्य, सनालकमल पकड़े हुये हैं। प्रवेशद्वार के बॉंये किनारे पर पॉंच पंक्रियों का एक खण्डित अभिलेख है। गर्भगृह में सप्तअश्वारूढ़ भगवान सूर्य की खड्गासन प्रतिमा प्रतिष्ठित हैं सिर पर मुकुट किरीट, कर्णकुण्डल, कण्ठद्वार, कटिमेखला, एवं यज्ञोपवीत धारण किये हुये हैं दोनों खण्डित भुजाओं पर उत्तरीय लहरा रहा है। पैरों में उपानह धारण किये हुये हैं। दोनों ओर राज्ञी निभुक्षा तथा दण्डपिंगल विराजमान हैं। सूर्य के दोनों पैरों के मध्य भू देवी हैं। इसके निकट हनुमान की आदमकद प्राचीन मूर्ति है।
टीकमगढ़ जिले के दो अन्य मन्दिरों का उल्लेख डा. के.पी. त्रिपाठी ने नारायणपुर एवं बनारसी ग्रामों में होने विषयक किया है किन्तु वह मन्दिर अब ध्वस्त हो चुके हैं।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।