होशंगाबाद
January 31, 2025ललितपुर
January 31, 2025चंदेरी
चंदाई बावड़ी का निर्माण मालवा के सुलतान महमूदशाह खिलजी ‘प्रथम’ के शासनकाल में मेहताब खाँ मुलतानी के गवर्नरकाल में चाँद वक्काल द्वारा हिजरी 864 (1435 ई.) में कराया गया था। यहाँ फारसी एवं संस्कृत के दो शिलालेख भी लगे हैं।
चंदेरी के उत्तर-पश्चिम में होज खास तालाब का निर्माण मालवा के सुल्तान महमूद शाह खिलजी के शासन काल में हिजरी 872 (1467 ई.) में सुमान पुत्र यूसुफ खाँ द्वारा करवाया गया था।
चंदेरी की बत्तीसी बावड़ी का निर्माण माण्डू के ग्यासशाह खिलजी के राज्यकाल में हुआ था।
कजयाई बावड़ी का निर्माण मालवा के सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी द्वारा हिजरी 890 (1485 ई.) में कराया गया था।
जनानन बावड़ी का निर्माण सुल्तान ग्यासुद्दीन खिलजी के शासन काल में महाशिर किशनू द्वारा करवाया गया था। संस्कृत एवं फारसी के शिलालेख यहाँ लगे हैं।
सिकन्दर शाह लोदी के पुत्र इब्राहिम शाह लोदी के शासनकाल में बावड़ी का निर्माण हिजरी 902 (1497 ई.) में हुआ था।
औरंगजेब के शासनकाल में हिजरी 1102 (1690 ई.) में आजम खाँ ने एक बावड़ी, एक बाग तथा एक मस्जिद का निर्माण कराया था।
चंदेरी दुर्ग के नीचे पूर्व में तलैया, दक्षिण में लोहरा तालाब (धुवया तालाब), उसके नीचे बंजारी तालाब के ठीक नीचे लाल बावड़ी और उसके नीचे सुल्तानिया तालाब हैं। जिन्हें मालवा के सुल्तान द्वारा बनवाया गया था। उसके नीचे थोड़ी दूरी पर मल्लू खाँ तालाब है, जिसका निर्माण चंदेरी के सूबेदार मल्लू खाँ द्वारा करवाया गया था।
नया ताल
नया ताल (शहजादी का रोजा) परमेश्वरा तालाब के निकट बने शहजादी रोजे के चारों ओर घेरे के रूप में बना हुआ है। यह रोजा एवं तालाब 15वीं शताब्दी का है।
तालाब बेहजत खाँ
तालाब बेहजत खाँ चंदेरी नगर के दक्षिणी पार्श्व में रामनगर के पास स्थित है। इस तालाब का निर्माण 1520 ई. में चंदेरी के हाकिम बेहजत खाँ ने करवाया था।
हौज-ए खुशल्ला
हौज-ए खुशल्ला चंदेरी के फतेहाबाद में है, जो 15वीं शताब्दी में बना था।
परमेश्वरा तालाब का निर्माण राजा कूर्म देव (कीर्तिपाल) ने कराया था। इस तालाब के तीन ओर राजाओं की छतरियाँ तथा उनके समीप शिव मंदिर बना हुआ है। गिलउआ तालाब का निर्माण भी इन्होंने कराया था। प्रतिहार राजा कूर्मदेव (कीर्तिपाल) ने जागेश्वरी गुफा के निकट पहाड़ कटवाकर जागेश्वरी देवी तालाब का निर्माण भी कराया था। एक और तालाब ‘कीर्तिसागर’ का निर्माण भी इनके द्वारा कराया गया था। पनबावड़ी नामक एक छोटा तालाब किला परिसर में विद्यमान है।
चंदेरी नगर की जल व्यवस्था हेतु 1200 बावड़ियाँ होने का उल्लेख मिलता है।
चंदेरी में निम्नलिखित बावड़ियां अब भी विद्यमान हैं –
राजा की बावड़ी, चंदाई बावड़ी, मूसा बावड़ी, चकला बावड़ी, गोल बावड़ी, एक पत्थर बावड़ी, आलिया बावड़ी, जनानन बावड़ी, गचाऊ बावड़ी, हरकुंड बावड़ी, दरीबा बावड़ी, बत्तीसी बावड़ी, कजिया बावड़ी। इनके अतिरिक्त चंदेरी नगर एवं उसके आसपास के क्षेत्र में अनेक छोटे-छोटे ताल तलैयाँ हैं।