
दतिया की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
October 8, 2024
श्री पीताम्बरा पीठ
October 8, 2024वायुमार्ग – वायु मार्ग से आने वाले पर्यटकों के लिये निकटस्थ हवाई अड्डा (एयरपोर्ट) ग्वालियर दतिया से 75 कि. मी. की दूरी पर स्थित है। दतिया में स्थित हवाई पट्टी पर चार्टर प्लेन उतरने की सुविधा है।
रेल मार्ग – दतिया उत्तर-मध्य रेलवे जोन का मुख्य स्टेशन है। यह दिल्ली-चेन्नई एवं दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर ग्वालियर-झाँसी के मध्य स्थित है। रेलवे का बड़ा जंक्शन झाँसी 28 किलोमीटर एवं ग्वालियर 75 किलोमीटर दूर स्थित है।
सड़क मार्ग – दतिया भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर एवं राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर स्थित है, जो देश के सभी प्रमुख नगरों से जुड़ा हुआ है।
दतिया के दर्शनीय स्थल सूची –
पीताम्बरा पीठ – यह दतिया नगर में देश का प्रमुख शक्तिपीठ है, जहाँ दस महाविद्याओं में से दो महाविद्या माँ पीताम्बरा एवं माँ धूमावती देवी विराजमान हैं। पीताम्बरा पीठ में दर्शन व्यवस्था –
श्री पीताम्बरा माई –
- दर्शन- प्रातः 5:00 से रात्रि 10:00 बजे तक
- विश्राम काल – दोपहर 12 से 02 बजे तक
- आरती- प्रातः 7:00 बजे सायं 7:00 बजे
- श्रंगार आरती – 8:30 बजे
- शयन आरती – रात्रि 9:00 बजे
श्री धूमावती माई –
- दर्शन – रविवार से शुक्रवार- प्रातः 8:00 बजे रात्रि 8:00 बजे
- विश्राम काल – श्री धूमावती माई के पट दिनभर बन्द रहते है।
- आरती – शनिवार – प्रातः 8:00 से 8:30 बजे तक (आधा घण्टा)
- श्रंगार आरती – रात्रि 7:30 से 8:30 बजे तक (एक घण्टा)
सोनागिरि – दतिया से 15 कि.मी पर जैन धर्म के अनुयायियों का यह प्रमुख तीर्थ है। यह भगवान चंद्रप्रभु के समवशरण एवं नंगानंग कुमारों सहित साढ़े पाँच करोड़ मुनियों की निर्वाण स्थली के रूप प्रसिद्ध है।
वीर सिंह जूदेव महल – दतिया नगर में सन् 1618 ई. में निर्मित बुंदेलखण्ड की यह सबसे शानदार इमारत है।
अशोक का शिलालेख गुजर्रा – दतिया से 18 कि. मी दूरी पर लगभग 2500 वर्ष प्राचीन यह शिलालेख सम्म्राट अशोक की राजाज्ञा है, जिसे सम्म्राट अशोक द्वारा स्वयं अपनी उपस्थिति में उत्कीर्ण कराया गया। सनकुँआ सेंवढ़ा – दतिया से 70 कि.मी. पर सेंवढ़ा नगर में सिंध नदी पर स्थित सुंदर जलप्रपात है। यह सनक, सनंदन, सनातन और सनत्कुमार की तपोभूमि है तथा इकोटूरिज्म एवं तीर्थाटन दोनों ही दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उनाव बालाजी – दतिया से 18 कि.मी. पर पहूज (पुष्पावती) नदी के तट पर भगवान भास्कर की आराधना स्थली है।
शिवमंदिर भरौली – दतिया से 35 कि.मी. पर 10वीं-11वीं सदी में निर्मित भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है, जो पुरातत्वीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
रतनगढ़ माता मंदिर – दतिया से 65 कि.मी. पर विंध्य पर्वत श्रेणियों में सिंध नदी के तट पर स्थित यह मंदिर बुंदेलखण्ड, चम्बल एवं ब्रूज क्षेत्र में अगाध आस्था का केंद्र है दीपावली की दोज को यहाँ एक दिन में 50 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करते हैं।
पंचम कवि की टौरिया – दतिया नगर के समीप विंध्य पर्वत श्रेणियों में स्थित यह एक प्राकृतिक मनोरम पर्वत शिखर है। यहाँ दस महाविद्याओं में से एक महाविद्या माँ तारादेवी, शिव जी, श्री काल भैरव, हनुमान जी एवं गणेश जी विराजमान हैं। यहाँ से सूर्योदय, सूर्यास्त एवं दतिया के विहंगम दृश्य का लुत्फ लिया जा सकता है।
दतिया के प्रमुख होटल एवं रिसोर्ट –
होटल प्राक्षी पैलेस : बस स्टेण्ड के पास, उनाव रोड, दतिया (म.प्र.) , फोन : 07522-236777, मो.: 8959484686
होटल ब्लू स्टार : पीतांबरा मंदिर रोड, सिविल लाइन, दतिया (म.प्र.) , फोन: 07522-236238
होटल रतन रॉयल : बस स्टेण्ड से झाँसी बायपास रोड़, दतिया (म.प्र.) , मो.: 9009870111
मोटेल तान्या एण्ड रिसोर्ट : NH-44 ग्वालियर-झाँसी रोड, दतिया (म.प्र.) , फोन: 07522-238125, मो.: 7049055522
होटल तान्या पैलेस : सिविल लाइन, दतिया (म.प्र.) फोन: 07522-237237