झील पर तैरता यह महल गोविन्द निवास पैलेस है। इसका निर्माण दतिया के आठवें शासक हिज हाइनेस लोकेन्द्र बहादुर गोविन्द सिंह जू देव द्वारा कराया गया। उन्हें 16 तोपों की सलामी का ऑनर प्राप्त था। इसकी आधारशिला इनके पितामह हिज हाइनेस विजय बहादुर जू देव ने रखी थी। यह महल जैव विविधता, विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों एवं जलीय जीवों से भरपूर असनई झील के तट पर स्थित है। वर्तमान में यह महल राजा विक्रम सिंह के स्वामित्व में है जो महाराजा लोकेन्द्र बहादुर गोविन्द सिंह के पोते हैं। यह खूबसूरत परिसर लगभग 50 एकड़ में फैला हुआ है जिसमें महल के अलावा असनई झील शामिल है। बलुआ पत्थर से बना यह महल पत्थर पर की उत्कृष्ट पच्चीकारी का एक शानदार उदाहरण है।
महल में एक इनहाउस म्यूजियम भी है। जो सैकड़ों वर्ष पुरानी कलाकृतियों एवं चित्रकलां का उत्कृष्ट पैनोरमा है। यहाँ सौ वर्ष से भी अधिक प्राचीन फोटोग्राफ्स के निगेटिव उपलब्ध है। दरबार हॉल में लगे झाड़ फनूस, एंटिक फर्नीचर, शिकार किये गए जानवरों की आकृतियाँ इसे और अधिक आकर्षक बना देते हैं। दरबार के सामने लगा फाउंटेन चलने पर माहौल में रोचकता एवं मादकता पैदा कर देता है। वर्षात के दिनों में यहाँ का दृश्य और भी मनोरम हो जाता है। वर्षात में असनई झील झरने का रूप धारण कर लेती है। तब यहाँ का दृश्य देखते ही बनता है। गोविन्द निवास पैलेस में रॉयल होम स्टे आरंभ हो जाने के बाद इस तैरते हुए पैलेस का लुत्फ दतिया आने वाले टूरिस्ट भी ले सकेंगे।
आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे।
बुन्देली धरती के सपूत डॉ वीरेन्द्र कुमार निर्झर जी मूलतः महोबा के निवासी हैं। आपने बुन्देली कहावतों का भाषा वैज्ञानिक एवं समाजशास्त्रीय अनुशीलन कर मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के सेवासदन महाविद्यालय बुरहानपुर मप्र में विभागाध्यक्ष के रुप में पदस्थ रहे। अखिल भारतीय साहित्य परिषद मालवा प्रांत, हिन्दी मंच,मध्यप्रदेश लेखक संघ जिला बुरहानपुर इकाई जैसी अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। आपके नवगीत संग्रह -ओठों पर लगे पहले, सपने हाशियों पर,विप्लव के पल -काव्यसंग्रह, संघर्षों की धूप,ठमक रही चौपाल -दोहा संग्रह, वार्ता के वातायन वार्ता संकलन सहित अनेक पुस्तकों का सम्पादन कार्य किया है। आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों से कहानी, कविता,रूपक, वार्ताएं प्रसारित हुई। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में शताधिक लेख प्रकाशित हैं। अनेक मंचों से, संस्थाओं से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया है। वर्तमान में डॉ जाकिर हुसैन ग्रुप आफ इंस्टीट्यूट बुरहानपुर में निदेशक के रूप में सेवायें दे रहे हैं।
डॉ. उषा मिश्र
सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन।
नाम – डा. उषा मिश्रा पिता – डा.आर.सी अवस्थी पति – स्व. अशोक मिश्रा वर्तमान / स्थाई पता – 21, कैंट, कैंट पोस्ट ऑफिस के सामने, माल रोड, सागर, मध्य प्रदेश मो.न. – 9827368244 ई मेल – usha.mishra.1953@gmail.com व्यवसाय – सेवा निवृत वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी ( केमिस्ट्री और टॉक्सिकोलॉजी ) गृह विभाग, मध्यप्रदेश शासन। शैक्षणिक योग्यता – एम. एससी , पीएच. डी. शासकीय सेवा में रहते हुए राष्ट्रीय – अंतराष्ट्रीय कान्फ्रेंस में शोध पत्र की प्रस्तुति , मिनिस्ट्री ऑफ़ होम अफेयर, गृह विभाग द्वारा आयोजित वर्क शॉप, सेमिनार और गोष्ठीयों में सार्थक उपस्थिति , पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सागर में आई. पी. एस., डी. एस. पी. एवं अन्य प्रशिक्षणु को विषय सम्बन्धी व्याख्यान दिए।
सेवा निवृति उपरांत कविता एवं लेखन कार्य में उन्मुख, जो कई पत्रिकाओं में प्रकाशित। भारतीय शिक्षा मंडल महाकौशल प्रान्त से जुड़कर यथा संभव सामजिक चेतना जागरण कार्य हेतु प्रयास रत।