मुरैना
February 3, 2025हमीरपुर
February 4, 2025महोबा जिला तालाबों का जिला है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी। जिले में स्थित कई स्थानों पर एक ही ग्राम/नगर में अनेक तालाब विद्यमान हैं। यथा –
चरखारी
चरखारी राज्य के अनेक शासकों ने नगर में अपने-अपने नामों पर तालाबों का निर्माण कराया, जो वर्तमान समय में भी विद्यमान हैं, किंतु उनकी दशा दिनोंदिन सोचनीय होती जा रही है।
चरखारी नरेश खुमान सिंह (1765-82 ई.) ने गुमान सागर का निर्माण कराया। चरखारी नरेश विजय सिंह (1782-1829 ई.) ने विजय सागर का निर्माण कराया।
चरखारी नरेश रतन सिंह (1829-60 ई.) ने रतन सागर का निर्माण कराया। चरखारी नरेश जय सिंह (1862-80 ई.) ने जय सागर का निर्माण कराया। चरखारी नरेश मलखान सिंह (1880-1933 ई.) ने मलखान सागर का निर्माण कराया। चरखारी के निकट स्थित घुटबई ग्राम के लोधी शासक को राजा जगत राज (1732-58 ई.) ने ‘श्री मैया’ की उपाधि देकर अपने राज्य में मिला लिया था। अंतिम लोधी शासक राजा मदन राय ने चरखारी में मदन सागर का निर्माण कराया था। मदन सागर चरखारी का सबसे पुराना तथा बड़ा तालाब है।
नगर की सीमा से लगा हुआ ‘सुदामापुरी ताल’ नामक एक और ताल भी चरखारी में विद्यमान है।
इनके अतिरिक्त चरखारी के मंगलगढ़ नामक दुर्ग में भी छोटे-बड़े मिलाकर सात तालाब हैं। जिनके नाम हैं – विहारी सागर, राधा सागर, सिद्ध बाबा का कुंड, रमकुण्डा, चौपरा, बाबा महावीर कुण्ड एवं बखत बिहारी कुण्ड।
उपर्युक्त विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि चरखारी सरोवरों का नगर है।
जैतपुर
जैतपुर बस्ती से 3 कि.मी. पूर्व दिशा में ‘बेलाताल’ नामक एक विशाल तालाब है। तालाब का भराव का क्षेत्र 15 कि.मी. है। कहा जाता है कि इसका निर्माण बाला वर्मन नामक चंदेल शासक ने करवाया था। डॉ. काशी प्रसाद त्रिपाठी का मत है कि परमर्दिदेव (परमाल) के पुत्र ब्रह्मा ने अपनी रानी बेला के नाम पर इस बेला ताल का निर्माण कराया था।
कबरई
कबरई में ब्रह्म सरोवर नाम का एक विशाल सरोवर को राजा परमाल के पुत्र ब्रह्मा ने बनवाया था। बाँध पर एक विशाल शंकर जी का मंदिर सरोवर की शोभा को द्विगुणित कर देता है।
खरेला
खरेला में चंदेलकालीन विशाल तालाब है। जिसके बाँध पर प्रतिवर्ष कजलियों का विशाल मेला लगता है।
कुल पहाड़ में ‘गढ़ा ताल’ नाम का एक विशाल सरोवर है। इसके बाँध पर एक भव्य मंदिर है। बताया जाता है कि यह तालाब बहुत गहरा है। इसका निर्माण बुंदेला शासकों द्वारा कराया माना जाता है।
महोबा
नगर बुन्देलखण्ड के श्रेष्ठ प्राचीन शासक चंदेलों की राजधानी रहा है। यहाँ के शासकों ने भी अपने नाम पर अनेक तालाबों का निर्माण कराया। यथा –
राहिल सागर
राहिल सागर का निर्माण चंदेल राहिल देव (890-910 ई.) ने कराया था।
विजय सागर
विजय सागर का निर्माण चंदेल विजय वर्मा (1040-50 ई.) ने कराया था।
मदन सागर
मदन सागर का निर्माण मदन वर्मा चंदेल (1129-1162 ई.) ने कराया था।
कल्याण सागर
कल्याण सागर का निर्माण वीर वर्मा चंदेल (1242-86 ई.) ने कराया था।
मकरबई
मकरबई में एक आकर्षक सरोवर है। कहा जाता है कि इसका निर्माण मकरन्द नामक राजपूत ने करवाया था।
श्रीनगर
श्रीनगर धातु निर्मित देव मूर्तियों हेतु बहुत प्रसिद्ध है। यहाँ भी एक सुंदर तालाब है। यह ‘बड़ा ताल’ के नाम से प्रसिद्ध है।
दसपुर
दसपुर ग्राम में भी एक बड़ा तालाब है, जिससे सिंचाई भी होती है।
टोला
टोला ग्राम का तालाब महोबा के निकट स्थित है। महोबावासियों के लिये यह एक श्रेष्ठ पिकनिक स्थल है।
इन उल्लेखनीय सरोवरों के अतिरिक्त महोबा जिले में पिपरा तालाब, पहरा तालाब, मजगुवाँ तालाब, पवाँ तालाब, नरवारा तालाब, बिलखी तालाब, मनकी तालाब, उरबारा तालाब, दिदवारा तालाब, सिजहरी तालाब, दमौरा तालाब, पठारी तालाब, मड़रा तालाब, बौरा तालाब, सारंगपुर तालाब, कदीम तालाब, छतरवारा तालाब, रावतपुरा खुर्द तालाब आदि हैं। महोबा जिला में 123 तालाब हैं।