परिवहन के साधन
September 16, 2024प्रशासनिक इकाइयाँ
September 16, 2024जनपद ललितपुर का उत्तर-दक्षिण रेलमार्ग जो जनपद के कुछ पश्चिमी भाग को प्रभावित करता है एवं अन्य अधिकांश भाग जो उद्योग की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है वे रेलमार्ग से नहीं जुड़ते। यही कारण है कि जनपद में एक भी बड़ा उद्योग नहीं है और खनिज वनों और अपार जलराशि का धनी यह जनपद विकास के नाम पर उपेक्षित ही रहा है। अब शासन की उदार नीतियों से भले ही औद्योगिक विकास का भविष्य उज्ज्वल माना जा रहा है। जनपद के प्रमुख स्थान जहॉ। उद्योग धन्धे पनप रहे हैं। निम्नलिखित हैः-
जनपद के प्रमुख स्थान जहॉ उद्योग धन्धे पनप रहे हैं
ललितपुर – ललितपुर जनपद का मुख्यालय है यहाँ जंगलों से मिलने वाली जड़ी बूटियों पर आधारित आयुर्वेदिक दवाओं के निजी कारखाने हैं। साथ ही प्लास्टिक व चमड़े का सामान, सीमेन्ट के पाइप, जाली आदि व पावरलूम व हैण्डलूम के वस्त्र, बीड़ी निर्माण, लकड़ी का फर्नीचर एवं ग्रेनाइट व स्टौन कटर एवं पॉलिशिंग, ऑयल मिल, दाल मिल आदि है।
बुढ़वार- ललितपुर के पास ग्राम बुढ़वार में चन्देरी साड़ियाँ बनाई जाती है एवं जनपद मुख्यालय पर भी बनाई लाने लगी है इस साड़ी के बनाने वाले कारीगरों की संख्या पर्याप्त है और उसकी कलात्मक क्षमता में कोई सन्देह नहीं किया जा सकता है। लेकिन लद्यु उद्योग होने के कारण बाजार भाव की कठिन होड़ में यह व्यवसाय सफल नहीं है। फलस्वरूप यहाँ का बुनकर इसका यथोचित लाभ नहीं ले पा रहा है।
जखौरा- जखौरा ललितपुर जनपद का प्रमुख विकास खण्ड है और ललितपुर इसी विकास खण्ड में आता हैं। यहाँ पीतल की मूर्तियाँ एवं कला कृतियाँ आदि बनाई जाती है, इनकी जितनी प्रशंसा की जाये उतनी कम है। किन्तु यह व्यवसाय भी चन्देरी साड़ी की तरह सिसक रहा है। यह ग्राम तालबेहट-राजघाट मार्ग के मध्य स्थित है।
कैलगवाँ- यह ग्राम जनपद के पूरब में वार विकास खण्ड में स्थित है, यहाँ गौरा पत्थर की मूर्तियाँ और बर्तन व अन्य कला कृतियाँ आदि बनाये जाते है। किन्तु लघु उद्योग होने के कारण व्यवसाय भी सफल नहीं है।
महरौनी – यह विकास खण्ड महरौनी का मुख्यालय है, यहाँ दाल मिल, लोहे के कृषि यंत्र मिट्टी के बर्तन, ईट, लकड़ी के फर्नीचर बनाने एवं स्टील इन्डस्ट्रीज का व्यवसाय काफी मात्रा में किया जाता है।
मड़ावरा- यह तहसील मड़ावरा का मुख्यालय है, यहाँ जंगलों से शहद और चिरौजी इकट्ठी करके तथा लाख, काला कत्था, गौंद एवं जड़ी बूटियाँ एकत्र करने का उद्योग किया जाता है एवं बीड़ी उद्योग हेतु तेंदू पत्ता एकत्र करने का व्यवसाय प्रगति पर है। साथ ही लोहे के कृषि यंत्र आदि बनाये जाते है एवं लकड़ी के फर्नीचर का उद्योग विकसित है।
वार- यह विकास खण्ड वार का मुख्यालय है, यहाँ चन्दन की लकड़ी के साज-सामान बनाये जाते है एवं फर्नीचर उद्योग भी प्रगति पर है।
मदनपुर- लकड़ी का फर्नीचर, पत्थर उद्योग का कार्य एवं सीजन में चिरोंजी, महुआ, शहद पर आधारित व्यवसाय को यहाँ के लोग प्रचुर मात्रा में करते हैं।
बानपुर- यहाँ पान का व्यवसाय कुछ वर्षो पूर्व प्रारम्भ हुआ और इस व्यवसाय को अच्छी सफलता मिली; थी, वर्तमान में यह सिसकियाँ ले रहा है। लकड़ी का फर्नीचर का कार्य प्रचुर मात्रा में होता है।
सैदपुर- यहाँ दाल मिल, ऑयल मिल आदि व्यवसाय एवं फर्नीचर का कार्य व्यवसाय के रूप किया जाता है।
तालबेहट- यहाँ लोहे के बने औजार, कृषि यंत्र, कड़ाही, कुल्हाड़ी, फरसा, सरोता, आदि बुन्देलखण्ड में प्रसिद्ध है एवं यह व्यवसाय प्रगति पर है। साथ ही लकड़ी के फर्नीचर का व्यवसाय भी होता है।
पाली- यहाँ पान का व्यवसाय अत्यधिक मात्रा में किया जाता है। यह पाली तहसील का मुख्यालय है।
अन्य उद्योग- जनपद में लगभग सभी जगह लकड़ी का फर्नीचर, बीड़ी उद्योग, दाल मिल, आयल मिल, चमडे़ का सामान, ईंट बनाने का धन्धा प्रगति पर हैं।
विशेष- जनपद में बड़े व्यवसाय के रूप में ग्रेनाइट, राक फास्फेट, आदि से जुड़े उद्योग जनपद में प्रभावी हुए है एवं जनपद में यूरेनियम, राक फास्फेट व शीशा जैसे बहुमूल्य खनिजों पर आधारित उद्योगों की प्रबल सम्भावनाएँ हैं। जनपद में खनिज एवं वन सम्पदा बहुमूल्य होने के बावजूद जनपदवासी आर्थिक परेशानियों से घिरे हैं क्योंकि आज भी आवागमन के साधनों का अभाव है ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन की शुरूआत हो जाने से पूरे जनपद में विकास की एक बड़ी क्रांति अवश्य आने की संभावना है। ललितपुर सिंगरौली रेल लाइन होने बड़े उद्योग के नाम पर वार विकास खण्ड में चिगलऊआ थर्मल पावर प्लान्ट लग गया है जिसमें कुछ स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है। जो काफी नहीं है।